कलेक्टर ने फाइल में आग लगाकर मुझे बचाया: मंत्री GAURISHANKAR BISEN ने बताया

आनंद ताम्रकार/बालाघाट। प्रदेश के कृषि कल्याण मंत्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा विगत 26 मार्च को किरनापुर में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में व्यक्त किये गये उद्गार जिले की राजनिति में चर्चा का विषय बना हुआ है। उनके बयान से जुडी एक वीडियो किल्पींग वायरल हो रही है जिसमें उन्हें यह कहते हुये बताया गया है कि 8 वर्ष पूर्व उनके विरूद्ध दर्ज हुये एक मामले में साक्ष्यों का मिटाकर तत्कालीन कलेक्टर गुलशन बामरा द्वारा उन्हें किस तरह बचाया गया था। 

इस कार्यक्रम में किरनापुर, लांजी की कांग्रेश विधायक सुश्री हिना कावरे भी उपस्थिति थी। उन्होने भी उनके कथन की पुष्टि की है तथा उन्होने नैतिकता के आधार पर मंत्री बिसेन से इस्तीफे की मांग की। यह उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता और मंत्री बिसेन के भतीजे विशाल बिसेन द्वारा वर्ष 2008 में तत्कालीन सांसद और अब शिवराज सिंह कैबिनेट में मंत्री गौरीशंकर बिसेन के विरूद्ध संसद सदस्य क्षेत्रीय विकास निधि के कथित दुरूपयोग किये जाने का मामला प्रकाश में लाया था। जिसमें सांसद रहते हुये मंत्री बिसेन द्वारा कथित तौर पर अपने ही ट्रस्ट को 25 लाख रूपये सांसद निधि से दिये जाने का आरोप लगाया गया था। विशाल बिसेन की शिकायत पर मंत्री बिसेन के विरूद्ध लोकायुक्त में प्रकरण भी दर्ज हुआ था लेकिन बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी।

किरनापुर के कार्यक्रम में मंत्री बिसेन द्वारा यह कहा गया है कि मेरे रिश्तेदार नागेलाल राहंगडाले ने मुझे और मेरी बेटी मौसम तथा पायल को सदस्य बनाया था। सदस्यता शुक्ल के रूप में 5 हजार रूपये दिये थे। मैने सांसद निधि से 25 लाख रूपये पवार समाज के मंगल भवन के लिये दिये हैं। मैने कौन सा गुनाह कर लिया लेकिन मेरे सगे भतीजे विशाल ने मेरे खिलाफ इस बात को अखबार में छपवाया। उन्होने यह भी कहा की जैसे मोर भी कभी भी अपने पैरों को देखकर दुखी होता है हमें भी परिवार को देखकर दुख होता है। लेकिन तत्कालीन कलेक्टर ने माचिस लगाकर रिकार्ड जला दिया साक्ष्य मिटा दिया और गौरीशंकर बिसेन बाल बाल बच गया ना रहे बांस ना रहे बासुंरी उपर वाले ने बचा लिया।

लांजी विधायक हिना कावरे ने इस बयान की पुष्टि करते हुये बताया की विगत 26 मार्च को किरनापुर चौक पर विरांगना रानी अंवती बाई की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में मंत्री बिसेन मंच से जनता के समक्ष उक्त सच स्वीकारा वहां मैं भी उपस्थित थी। एक जनप्रतिनिधि का सार्वजनिक रूप से एक कलेक्टर के माध्यम से खुद को गलत तरिके से बचाये जाने की बात स्वीकारने के बाद मुख्यमंत्री को तत्काल पद से हटा देना चाहिये।

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