भोपाल। बेहिसाब फैसलों और बयानबाजी के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाली महिला आईएएस नेहा मारव्या इन दिनों शिवपुरी में 45 दिन के लिए प्रभारी कलेक्टर हैं। आज उन्होंने उम्मीद के बिल्कुल बाहर जाते हुए फैसला किया। शिवपुरी विधायक और कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया जिस भूमिपूजन के लिए शिवपुरी आईं थीं, प्रभारी कलेक्टर ने उसकी अनुमति रद्द कर दी। नेहा के प्रभार को अब मात्र 3 दिन शेष रह गए हैं।
शिवपुरी में आज मंत्री यशोधरा राजे को क्राफ्ट रोड और तीन सड़कों का भूमि पूजन करने आईं थीं। लेकिन प्रभारी कलेक्टर नेहा मारव्या ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। कार्यक्रम एजेंडा लेकर गए मंत्री यशोधरा के पीए गगन सक्सेना को प्रभारी कलेक्टर ने पत्र थमाकर उलटे पाँव लौटा दिया। अनुमति नहीं मिलने से मंत्री यशोधरा भड़क गईं और उन्होंने इस मामले की शिकायत चीफ सेकेट्री से की। बाद में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भूमिपूजन भी किया। हालांकि नेहा मारव्या इस आयोजन को रोक नहीं पाईं।
नेहा मारव्या का विवादों से पुराना नाता है
2011 बैच की आईएएस अफसर नेहा मारव्या जिला पंचायत जबलपुर, जिपं. दतिया, राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल के बाद शिवपुरी में जिला पंचायत की सीईओ बनाई गईं हैं। मात्र 5 साल में यह उनकी चौथी पोस्टिंग है। 2014 में गुना लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार वाहन के विरुद्ध बेवजह कार्रवाई के कारण चुनाव आयोग ने इनका तबादला आदेश जारी किया था।
जबलपुर जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से विवाद काफी सुर्खियों में रहा है। मामला सीएम हाउस तक पहुंचा। यह विवाद तभी थम जब नेहा मारव्या का तबादला कर दिया गया। इसके अलावा सेंट्रल बैंक प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर की कोशिश भी काफी सुर्खियों बटोर चुकी है।
शिवपुरी में जनवरी 2017 में जनसुनवाई के दौरान एक कर्मचारी नेहा मारव्या के समक्ष उपस्थित हुआ। वो अपनी लंबित समस्या के कारण इच्छामृत्यु की मांग कर रहा था। वो अपनी समस्या का तत्काल समाधान चाहता है। नेहा मारव्या ने समाधान तो नहीं किया, उल्टे उसके आवेदन पर एसपी शिवपुरी को निर्देशित किया कि पीड़ित के खिलाफ आईपीसी/सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करें। विशेषज्ञ आज तक समझ नहीं पाए कि इच्छामृत्यु मांगने वाले पीड़ित के खिलाफ किन धाराओं में केस फाइल करें। जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो अगली जनसुनवाई से पहले उन्होंने निर्देश जारी किए कि जनसुनवाई के दौरान मीडिया का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मीडिया ने इसका तीखा विरोध किया तो नेहा मारव्या ने यूटर्न ले लिया।
कलेक्टर का प्रभार मिलने के बाद 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर नेहा मारव्या ने पीआरओ को मौखिक निर्देश देते हुए मीडिया कवरेज के लिए गाइडलाइन जारी की। विरोध में मीडिया ने गणतंत्र दिवस का बहिष्कार कर दिया। धरना प्रदर्शन भी हुआ परंतु नेहा ने बेवजह उठा विवाद शांत कराने की कोशिश नहीं की। उल्टा अपने खिलाफ भड़की आग में घी डालने का काम करती रहीं।