नई दिल्ली। ये सिर्फ इंडियंस ही कर सकते हैं। आतंकियों के सामने बंदूक लेकर खड़ा हो गया। दनादन गोलियां बरसाईं। जान की परवाह नहीं की। वहां से भी गोलियां बरसीं। एक के बाद एक 9 गोलियां जिस्म में धंसती चली गईं। हाथ टूट गया। गोलियां सिर, जबड़ा और चैहरे पर भी लगीं। फ्रेक्चर हो गया लेकिन बेहोश होने से पहले आतंकी को मार गिराया। इस वीर योद्धा का नाम है कमांडिंग अफसर चेतन कुमार चीता।
सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडिंग अफसर चेतन कुमार चीता को मुठभेड़ के दौरान ‘‘कई गोलियां लगी’’। वो जम्मू-कश्मीर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान घायल हुए हैं। चीता एम्स में भर्ती हैं और वेंटिलेटर पर हैं। 15 फरवरी को उनके मस्तिष्क का ऑपरेशन किया गया है।
हाथ टूटा, सिर, जबड़े और चैहरे पर फ्रेक्चर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ट्रॉमा केंद्र ने बताया कि अधिकारी के मस्तिष्क का ऑपरेशन किया गया और वो अभी गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती हैं। डॉक्टरों ने कहा कि अधिकारी के हाथों में फ्रैक्चर था, उनके सिर, जबड़े और चेहरे पर भी चोट है। उन्होंने कहा कि अफसर की हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।
राजस्थान की माटी का सपूत है चीता
राजस्थान के रहने वाले चीता हज्जन इलाके में दो विदेशी आतंकियों की छिपे होने की सूचना पर मौके पर पहुंचे थे जहां सेना, सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के संयुक्त दल ने घेराबंदी कर रखी थी। उन्होंने बताया कि बल की 45वीं बटालियन का नेतृत्व करने वाले चीता को कई जगह गोली लगी थी।
सेना प्रमुख और मंत्री ने मिलने आए
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने एम्स ट्रॉमा सेन्टर पहुंच कर वहां भर्ती सीआरपीएफ के कमांडिंग अफसर चेतन कुमार चीता का हालचाल पूछा। मंत्री ने चीता की पत्नी से भी भेंट की। शनिवार को आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी घायल जवान से मुलाकात की।