अब देश भर में मौजूद बेनामी प्रॉपर्टी राजसात करेगी सरकार, कहीं आपकी प्रॉपर्टी भी...

मुंबई। अगस्त 2016 में बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट पारित हो चुका है। 1 नवम्बर 2016 से यह लागू भी हो गया है। यदि आपने भी कोई ऐसी प्रॉपर्टी खरीद ली है जो बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट का उल्लंघन करती है तो आप संकट में आ सकते हैं। आपकी पूरी संपत्ति राजसात की जा सकती है। मोदी ने बेनामी प्रॉपर्टी के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। जल्द ही इसका असर आपको आपके आसपास भी दिखाई देगा। 

सुप्रीम कोर्ट के वकील एसके पॉल के मुताबिक बेनामी प्रॉपर्टी से निकलना लोगों के लिए बहुत मुश्किल होगा। लोगों को इन प्रॉपर्टी को छोड़ना होगा या इन पर भारी पेनल्टी देनी होगी। कई लोग गंभीर परिणाम होने के कारण इन प्रॉपर्टी को छोड़ देंगे। जिन ड्रायवर और प्यून के नाम पर ये प्रॉपर्टी खरीदी गई है उनको अपनी आय का स्रोत बताना पड़ सकता है। अगर वो नहीं बता सके तो उनको प्रॉपर्टी को त्यागना पड़ सकती है।

रविवार को प्रधानमंत्री ने इसके संकेत भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब वो बेनामी प्रॉपर्टी के खिलाफ कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि ये भ्रष्टाचार और कालेधन की सफाई के लिए बड़ा कदम होगा। हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो दूसरे के नाम पर प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। प्रधानमंत्री के मुताबिक वो देश की प्रॉपर्टी है। 1 नवंबर से नया बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट कानून लागू हो चुका है। इसमें अवैध तरीके के बेनामी ट्रांजैक्शन पर रोक लगाई गई है। कानून में 7 साल की सजा और पेनल्टी का प्रावधान भी है।

क्या है बेनामी?
बेनामी का मतलब है बिना नाम के प्रॉपर्टी लेना। इस ट्रांजैक्शन में जो आदमी पैसा देता है वो अपने नाम से प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड नहीं करवाता बल्कि अपने किसी नौकर, ड्रायवर या ऐसे रिश्तेदार के नाम करवा देता है जिसकी आय इंकम टैक्स के दायरे में ना आती। जिसके नाम पर ये प्रॉपर्टी खरीदी जाती है उसे बेनामदार कहा जाता है। इस तरह खरीदी गई प्रॉपर्टी को बेनामी प्रॉपर्टी कहा जाता है। इसमें जो व्यक्ति पैसे देता है घर का मालिक वही होता है। ये प्रॉपर्टी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों तरीकों से पैसे देने वाले का फायदा करती है।

किसे कहते हैं बेनामी प्रॉपर्टी?
जो प्रॉपर्टी पत्नी और बच्चों के नाम पर खरीदी गई हो। इसके लिए पैसा आय के अज्ञात स्रोत से दिया गया हो।
आय के अज्ञात स्रोत से भाई या बहन या रिश्तेदार के नाम पर ली गई प्रॉपर्टी। 
किसी और विश्वासपात्र के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी। 
यदि आपने अपने वृद्ध एवं बेरोजगार माता पिता के नाम भी प्रॉपर्टी खरीदी है तो वह भी बेनामी ही कही जाएगी। अगस्त 2016 में बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट पारित हो चुका है। 

तो फिर बेनामी ट्रांजैक्शन एक्ट से बाहर क्या है 
आय के ज्ञात स्रोत से बच्चों और पत्नी के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी। 
आय के ज्ञात स्रोत से भाई, बहन या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी। 
किसी विश्वासपात्र के नाम खरीदी गई प्रॉपर्टी। इसमें ट्रांजैक्शन किसी ट्रस्टी की तरफ से किया गया हो।

बेनामी ट्रांजैक्शन में क्या-क्या आ सकता है?
इसमें चल-अचल संपत्ति, कोई अधिकार या कोई कानूनी डॉक्यूमेंट भी हो सकता है। सोना और शेयर भी बेनामी संपत्ति में आ सकते हैं।

क्या है सजा और पेनल्टी के प्रावधान?
जो लोग बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत पकड़े जाएंगे उनको 7 साल की सजा और जुर्माना। 
प्रॉपर्टी जब्त हो सकती है। 
जानकर गलत सूचना देने वाले को 5 साल की सजा हो सकती है।

प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 10 फीसदी जुर्माना
लोगों पर इसका असर कैसे होगा? ये कदम काले धन पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। जिन लोगों ने आय के अज्ञात स्रोतों से कमाई करके ऐसी प्रॉपर्टी खरीदी है उनके लिए बड़ी दिक्कत आ सकती है। आम जनता ने अगर अपने ट्रांजैक्शन कानूनी तौर पर किए हैं तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)

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