कैलाश विजयर्गीय के पीए ने पुलिसवालों को 'कुत्ता' कहा था

इंदौर। बिना नंबर व बिना पेपर वाली कार लेकर जा रहे कैलाश विजयर्गीय के पीए रवि विजयवर्गीय और पुलिस के बीच हुए विवाद की शुरूआत रवि विजयवर्गीय की अभद्रता के साथ हुई थी। सिपाही ने जब कार रोकी और कागज मांगे तो रवि विजयवर्गीय ने पुलिसवालों को 'कुत्ता' कहा। यहीं से बात बिगड़ गई। तभी टीआई महेंद्रसिंह भदौरिया मौके पर आ गए और मामला शांत करा दिया परंतु कैलाश विजयवर्गीय शांत नहीं हुए। उनके समर्थकों ने तो हंगामा बरपाया ही, वो खुद थाने जा पहुंचे। इस मामले में पुलिस अधिकारियों के भीतर बालाघाट की दहशत भी साफ साफ देखने को मिली। 

एएसआई का आरोप है कि जब आरक्षक ने चेकिंग के दौरान संदिग्ध इनोवा रोकी तो रवि विजयवर्गीय ने पुलिस को धमकाया और कहा कि ये गाड़ी कैलाश विजयवर्गीय की है। जब आरक्षक ने कागज मांगे तो पहले उसने पुलिस को कुत्ता कहा, फिर अभद्रता पर उतारू हो गया। ठीक यहीं से विवाद शुरू हुआ। कागज मांगने पर तैश में आने की बात रवि विजयवर्गीय ने भी स्वीकार की है। उधर, पुलिस के आला अधिकारियों से जब पूछा गया कि अगर गाड़ी बगैर नंबर-कागज की थी तो चालानी कार्रवाई क्यों नहीं की। एक भी अधिकारी इस सवाल का जवाब नहीं दे सका।

बिना पक्ष जाने एएसआई सस्पेंड क्यों?
रवि विजयवर्गीय और पुलिसकर्मियों में हुए विवाद को लेकर अफसरों की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। अफसर विजयवर्गीय समर्थकों के दबाव में आ गए और बगैर जांच एएसआई बाबूलाल पवार को मौखिक सस्पेंड करने के आदेश कर दिए। करीब 40 मिनट चले ड्रामे के दौरान अफसर विजयवर्गीय समर्थकों के आगे-पीछे घूमते रहे। इस दौरान एएसआई का पक्ष भी नहीं जाना गया।

ट्रैफिक जाम कर दिया, अपशब्द कहे, धक्का दिया: एएसआई
एएसआई बाबू सिंह के मुताबिक रवि विजयवर्गीय बगैर नंबर की इनोवा लेकर जा रहा था। उन्होंने दूर से हाबूसिंह (हेड कांस्टेबल) को रोकने के निर्देश दिए। हाबूसिंह और कांस्टेबल प्रेम व मुकेश ने गाड़ी को रोक दिया। गाड़ी रुकते ही रवि ने पुलिसकर्मियों को धमकाना शुरू कर दिया। हेड कांस्टेबल ने कहा आप ठीक बर्ताव कीजिए। यह सुनते ही रवि भड़क गया और अपशब्द बोलने लगा। तब तक एएसआई भी करीब आ गए।

उन्होंने विवाद बढ़ते देख वायरलेस से कंट्रोल रूम को घटना की जानकारी दी। सेट पर मैसेज सुन सदर बाजार टीआई महेंद्रसिंह भदौरिया पहुंच गए। उन्होंने रवि को समझाइश दी और रवाना करवा किया। इसके बाद विजयवर्गीय समर्थक इकट्ठा होना शुरू हो गए। हाबूसिंह के मुताबिक पूरे मामले की रोजनामचे में रिपोर्ट डाली दी गई है।

डीएसपी ने कहा: सस्पेंड नहीं, एएसपी बोले सस्पेंड
अफसरों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के दबाव में सोमवार रात ही एएसआई को सस्पेंड करने की घोषणा कर तत्काल लाइन अटैच कर दिया लेकिन, मंगलवार रात तक आदेश जारी नहीं किए। एएसआई ने शाम तक थाने में काम भी किया। डीएसपी वंदना चौहान के मुताबिक अभी सस्पेंड का नहीं, जांच करने का आदेश मिला है। वैसे मेडिकल में शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं एएसपी रूपेश द्विवेदी के मुताबिक एएसआई ने चेकिंग में गाड़ी के पेपर मांगे थे। उसने गलती नहीं की। उसे परिस्थिति देखते हुए सस्पेंड किया था। जांच के बाद बहाल कर दिया जाएगा। मेडिकल भी उसकी मदद के लिए करवाया है। शराब पीने का आरोप था, लेकिन पुष्टि नहीं हुई।

इंदौर में दिखा बालाघाट का असर
झड़प के मामले में पुलिस के आला अधिकारियों में सरकार की बालाघाट में की गई पुलिस पर कार्रवाई का असर साफ देखा गया। सोमवार रात लगभग 9:30 बजे सिपाही के गाड़ी रोकने और एएसआई के विवाद के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंचे एएसपी द्विवेदी ने हंगामा कर रहे गौरव रणदीवे सहित बीजेपी समर्थकों से बात की। वे जो बोलते गए, एएसपी 'हां' करते गए। 

समर्थक: एएसआई ने अभद्रता की है।
एएसपी: कार्रवाई करेंगे। 
समर्थक: एएसआई को सस्पेंड करो। 
एएसपी: सस्पेंड किया। 
समर्थक: ऑर्डर दो। 
एएसपी: अभी चलो, ऑफिस से टाइप करके दे देता हूं। 
समर्थक: एएसआई के खिलाफ केस दर्ज करो, 
एएसपी: कर लेते हैं। 
समर्थक: एएसआई का मेडिकल कराओ, 
एएसपी: अभी करवाते हैं।

वो कांगज मांग रहे थे: रवि विजयवर्गीय 
रवि विजयवर्गीय का कहना है कि एएसआई के व्यवहार से लग रहा था कि वे शराब के नशे में हैं। मैंने उन्हें बताया भी कि ये कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी है और मैं उन्हें एयरपोर्ट लेने जा रहा हूं। फिर भी कागज दिखाने की जिद पर अड़ गए। बदसलूकी भी की। 

बदसलूकी क्यों की: कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय महामंत्री, भाजपा का कहना है कि गाड़ी के पेपर नहीं थे इसलिए नियमानुसार कार्रवाई करना चाहिए। कानून सबके लिए बराबर है, लेकिन बदसलूकी का हक किसी को नहीं है। पुलिस जनता की सेवक है। वह जनता से ऊपर नहीं है। 

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