भोपाल। शिवराज सरकार किस स्तर तक भ्रष्टाचार को संरक्षित कर रही है, यह मामला इसकी बेहतरीन नजीर है। छात्रवृत्ति घोटाले में 24 मामले दर्ज होने के बावजूद मप्र शासन भ्रष्टाचार के आरोपी छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति नहीं दे रहा है। हालत यह हो गई कि हाईकोर्ट को सीधे प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण को इसके लिए आदेशित करना पड़ा।
मुरैना के कैलारस विकासखण्ड में पदस्थ रहे पूर्व आदिम जाति कल्याण विभाग के मंडल सयोजक एनके नगाईच ने छात्रों की स्कॉलरशिप निकालने में काफी अनियमितताएं की थीं। इस मामले की शिकायत होने पर जांच की गई और उनके खिलाफ धोखाधड़ी के 24 मामले दर्ज हुए, लेकिन चालान पेश नहीं हुआ।
एसपी हरिनारायणचारी मिश्रा ने कोर्ट में बताया कि पूर्व छात्रावास अधीक्षक नगाईच के खिलाफ अभियोग पेश करने की अनुमति के लिए थाना प्रभारी को भोपाल भेजा गया था, लेकिन फिलहाल अनुमति नहीं मिली है। अब हाईकोर्ट ने विभाग के प्रमुख सचिव को कहा है कि, वो इस मामले में तत्काल कार्रवाई करें।