मप्र में दलित महिला IAS ने मांगी इच्छामृत्यु

भोपाल। लम्बे समय से सस्पेंड चल रहीं मप्र की दलित आईएएस शशि कर्णावत ने सीएम शिवराज सिंह को चिट्ठी लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है। वो इस बात से नाराज हैं कि मुख्यमंत्री ने खुद बुलाकर उन्हें बहाल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक बहाल नहीं किया। वर्षों गुजर रहे हैं परंतु उन्हें बहाल नहीं किया जा रहा है। 

मप्र सरकार ने भ्रष्टाचार के एक मामले में निचली अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद आईएएस ​शशि कर्णावत को सस्पेंड कर दिया था। 27 सितम्बर 2013 को मंडला विशेष न्यायालय ने प्रिंटिंग घोटाले में उन्हें दोषी पाते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी। इसी के साथ उन्हें जेल भेज दिया गया था। तत्समय सरकार ने कर्णावत को सस्पेंड कर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी। तब से अब तक ना तो उन्हें बहाल किया गया है और ना ही बर्खास्त किया गया। मामला अधर में लटकाकर रखा गया है जबकि 2015 में सीवीसी ने भी उन्हें बर्खास्त करने की अनुमति दे दी थी। 

पिछले दिनों जब एक दलित आईएएस अधिकारी रमेश थेटे ने अपने रिपोर्टिंग आॅफीसर राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ मोर्चा खोला तो उनकी मुहिम को कमजोर करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शशि कर्णावत को मिलने के लिए बुलाया। इस दौरान उन्होंने कर्णावत को बहाल करने का आश्वासन भी दिया परंतु बहाली के आदेश जारी नहीं किए। अब कर्णावत ने चिट्टी लिखकर आग्रह किया है कि या तो उन्हें बहाल कर दें या फिर इच्छामृत्यु की अनुमति दे दें। 

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