रेपपीड़िता ने FIR क्या कराई जिंदगी बर्बाद हो गई

जबलपुर। ये कहानी एक 13 साल की ऐसी लड़की की है जो अपने ही बलात्कारी पिता की शिकार हो गई। पिता को सजा दिलाने के लिए उसने एफआईआर क्या कराई, सारी जिंदगी ही बर्बाद हो गई। पुलिस वाले चाहे जब घर में घुस आते, पीड़िता की मां को बुरी तरह पीटते। तंग आकर मां ने पीड़िता को घर से निकाल दिया। अब पीड़िता दरबदर भटक रही है जबकि उसके पेट में 7 माह का गर्भ भी है।

यह है कहानी
एफआईआर के बाद पुलिस ने पिता को गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन दूसरे झंझटों से बचने के लिए उसकी मां को ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। बताती है कि पुलिसवाले और उनके साहब कभी भी हमारे घर आ जाते थे। मां को बुरी तरह पीटते थे और मेरी तरफ इशारा कर कहते थे कि इस कलंक को दूर कर दे, वर्ना तेरे दूसरे बच्चों को भी जान से मार देंगे। पुलिस के डर से मां ने उसे लावारिस हालत में छोड़ दिया। इसके बाद पन्ना बाल कल्याण समिति ने उसे कटनी भेजा। कटनी में प्रसव और देखरेख की व्यवस्था न होने के चलते उसे जबलपुर भेज दिया गया। उसे एल्गिन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बुधवार को बाल कल्याण समिति की सदस्य नीता गुप्ता ने मासूम की दास्तां सुनी तो उनकी आंखें भी डबडबा आईं। उन्होंने उसके बयान दर्ज किए। बताया कि यह मामला तब सामने आया जब बच्ची गर्भवती हो गई। उसके गर्भ में 7 माह का भ्रूण है। इस लिहाज से उसका गर्भपात भी नहीं कराया जा सकता था। इसलिए उसे कटनी बाल कल्याण समिति ने लिटिल स्टार फाउंडेशन नामक संस्था के सुपुर्द कर दिया। लेकिन वहां बच्ची के प्रसव को लेकर समस्या थी। इस वजह से जबलपुर रेफर कर दिया गया।

बच्चे को जन्म के बाद मातृछाया में रखना पड़ेगा
बाल कल्याण समिति की सदस्य नीना गुप्ता के मुताबिक कानूनन बच्ची के प्रसव के बाद उसके परिजनों को बुलाकर मां-बच्चे की सुपुर्दगी की जाएगी। यदि वे इन्हें अपनाने को तैयार नहीं होते तो बच्ची को बालिका गृह भेजा जाएगा और बच्चे को मातृछाया में तब तक रखा जाएगा जब तक मां बालिग नहीं हो जाए। जबलपुर समेत प्रदेश में भी अभी तक ऐसा कोई शेल्टर होम नहीं है जहां नाबालिग मां और उसके शिशु को एक साथ रखा जा सके।

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