सहकारी बैंकों ने मृतात्माओं को बांट दिया लोन

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। जिले के सहकारी बैंकों ने अदृश्य आत्माओं, भूतों को ऋण बांटने का सनसनीखेज कारनामा कर दिखाया है। इसकी जानकारी मिलने के बावजूद कोई कार्यवाही न होने से अधिकारियों, संचालक मण्डल के सदस्यों की भूमिका पर कई सवाल उठ खडे हुए हैं। 

मामले से जुडे सूत्रों के अनुसार और निरंतर क्षेत्र से प्राप्त हो रही शिकायतों के अनुसार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शहडोल अंतर्गत कार्य कर रहे जिले के जैतहरी, भालूमाडा, कोतमा अनूपपुर,राजेन्द्रग्राम शाखा अंतर्गत कार्य कर रहे दर्जनों आदिम जाति सहकारी समितियों द्वारा रेबडी की तरह करोडों रूपये का फर्जी ऋण वितरण कर शासकीय राशि का चूना लगाया गया हैं और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक शहडोल में बैठकर अपने पुराने घाव में मरहम लगा रहे हैं। 

जनचर्चा है कि जिले में विगत तीन वर्षो से जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में सहकारी समितियों के माध्यम से ऋण वितरण में करोडो रूपये का चूना लगाया गया है। और शाखा प्रबंधक एवं महाप्रबंधक जांच किये जाने का आश्वासन देकर अपने खुद किये कारनामों को छिपाने में लगे रहते हैं।

जिले के राजेन्द्रग्राम, जैतहरी, भालूमाडा, अनूपपुर, कोतमा अंतर्गत कार्य कर रही आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों द्वारा किसानों को क्षमाता से अधिक ऋण प्रदान कर दिया गया है। समिति प्रबंधक एवं शाखा प्रबंधक की मिली भगत से किसानों को ऋण उपलब्ध कराते समय शासन के मापदण्ड को दरकिनार कर करोडो रूपये का ऋण रेबडी ेकी तरह बांटा गया है जो जांच का विषय है। जिले के दर्जनों समिति प्रबंधक अपने-अपने चहेतों को दो से तीन लाख का मुंह मांगा ऋण वितरण कर वाहवाही लूट रहे हैं और किसान भी ऋण लेकर हजम कर गये। हल्दी, अदरक के नाम पर करोडों रूपये ऋण वितरण किया गया है लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि ऋण प्राप्त करने वाले कोई किसान एैसी कोई खेती नहीें कर रहे हैं। सारा मामला योजना का लाभ जरूरतमदों को देने से अधिक सांठ-गांठ का है। यह जांच का विषय है कि उसमें कितने एैसे किसान हैं जो हल्दी, अदरक की खेती कर रहे हैं। जनचर्चा है कि कई किसान अपने-अपने छतों में हल्दी, अदरक की खेती कर रहे हैं, उसका भी मौका निरीक्षण कभी भी किया जा सकता है।जिले में कई एैसे गरीब किसान हैं जो सहकारी समितियों का चक्कर लगाकर परेशान हो जाते हैं उन्हें कृषि कार्य के लिये समय पर ऋण उपलब्ध नहीं हो पाता, जिसके चलते उनकी अच्छी फसल चौपट हो जाती है और स्थानीय प्रबंधन अपने चहेतों को लाभ पहुुंचाने में व्यस्त रहते हैं।

कई एैसे दबंग लोग हैं जो सहकारी समितियों एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के शाखा प्रबंधकों को दबाव में रखकर कार्य करवा रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के कई एैसे सहकारी बैंक शाखा हैं जहां के दबंग किसान फर्जी दस्तावेज संलग्र कर सहकारी समितियों से ऋण प्राप्त कर चुके हैं।

आरोप लगाया गया है कि जिले के राजेन्द्रग्राम, कोतमा, जैतहरी, अनूपपुर क्षेत्र अंतर्गत कई मृतक किसानों के नाम ऋण प्रदान किया गया। अब गांव के लोग चकित हैं कि मरघट से उठकर सहकारी समितियों में हस्ताक्षर करते हैं और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक  में जाकर ऋण प्राप्त कर रहे हैं। एैसी भी घटनाओं से अनजान बने रहते हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक एवं शाखा प्रबंधक इन्हें यह जानने की फुरसत नहीं है कि किस समिति की कितनी ऋण वितरण करने को लिमिट मंजूर है।

जिले में एक के बाद एक घोटालों का सामने आना निरंतर जारी है। एैसे में सहकारी समिति के पदाधिकारीगण, केंद्रीय बैंक शहडोल के महाप्रबंधक एवं जिले के शाखा प्रबंधकों की भूमिका संदेह के घेरे में हंै। इनकी भूमिका की जांच भी आवश्यक है।  कारण कि समिति प्रबंधक रेबडी की तरह फर्जी ऋण वितरण कर अपने अधिकारियों को खुश करने में लगे रहते हैं। अगर इसी तरह की कार्य प्रणाली सफल होती रही तो कई दबंग ऋण लेकर शासन को चूना लगाते रहेंगे।

शासन-प्रशासन के नियम-कानून का ठेंगा दिखाकर कार्य करने के लिये आदिम जाति सहकारी समिति के प्रबंधकों का मन समिति के संचालक मण्डलों द्वारा बढाया जा रहा है। कई समिति प्रबंधक अपने संचालक मण्डल के सदस्यों को कठपुतली बनाकर नचा रहे हैं। जानकारी मिली है कि प्रबंधकों के सह पर संचालक मण्डल के सदस्य उल्टा-सीधा निर्णय लेकर बैंक एवं शासन को गुमराह करने में लगे रहते हैं।

जिले के विकासखण्ड अनूपपुर, कोतमा, जैतहरी, राजेन्द्रग्राम क्षेत्र के समिति प्रबंधकों द्वारा सैकडों किसानों को करोडों रूपये का फर्जी ऋण वितरण किया गया है जिसकी सूक्ष्म जांच आवश्यक मानी जा रही है। अगर संभागायुक्त एवं जिला प्रशासन द्वारा जांच कमेटी नियुक्त कर ऋण वितरण की सूक्ष्म जांच कराई जाये तो निश्चित ही व्यापम से बडा घोटाला राज्य शासन के समक्ष प्रस्तुत होगा।

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शहडोल के महाप्रबंधक अपने पुराने कार्य क्षेत्रों में कुछ एैसा काला-पीला कर चुके हैं जिसे छिपाने के लिये लगातार व्यस्त रहे आते हैं उन्हें संभाग के शहडोल, अनूपपुर, उमरिया जिले के शाखा एवं समितियों की जांच करने की कभी फुरसत नहीं मिलती है। उल्लेखनीय है कि जिस तरह से जिले में किसानों के नाम पर फर्जी ऋण वितरण एवं ऋण वसूली किया गया है जिसकी सूक्ष्म जांच आवश्यक है। जिले के तहसील पुष्पराजगढ, कोतमा, जैतहरी, अनूपपुर के प्रबुद्धजनों ने संभागायुक्त डीपी अहिरवार, प्रभारी कलेक्टर केव्हीएस चौधरी से मांग किये हैं कि जांच टीम नियुक्त कर विगत तीन वर्षो  के फर्जी ऋण वितरण की सूक्ष्म जांच कराई जाये। 

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