2 मई से चुप हैं इंदौर कलेक्टर

भोपाल। मंत्री कैलाश विजयर्गीय इंदौर कलेक्टर पी नरहरि के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन पाए हों या नहीं लेकिन उनके एक एसएमएस ने कलेक्टर को फेसबुक से गायब जरूर कर दिया है। धूमधड़ाके के साथ इंदौर पहुंचे पी नरहरि विवाद उठने के बाद से चुप हैं। उन्होंने फेसबुक पर कोई अपडेट नहीं किया है।

श्री नरहरि ने फेसबुक पर 1 मई को लिखा था कि

नमस्कार इंदौर,
आज मैंने कलेक्टर इंदौर के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया हैं,
मैं चाहूंगा की आप मुझसे सीधा संपर्क में रहे एवं अपने अमूल्य सुझाव मुझे दे,
मैं प्रयास करूँगा की नागरिकों से सम्बंदित विषयों पर एवं शहर/जिला विकास से सम्बंदित मुद्दों पर आपसे बात करूँ,
मुझे पूरा विश्वास हैं की आप सबके सहयोग से आपके अपेक्षाओं के अनुरूप मैं काम करूँगा एवं परिणाम भी दूंगा,
-पी नरहरि,
कलेक्टर, इंदौर

उनके इस संदेश को करीब 17 हजार लोगों ने लाइक किया और 491 से ज्यादा बार इसे शेयर किया गया। इस संदेश के तत्काल बाद इंदौर के धाकड़ मंत्री कैलाश विजयर्गीय ने स्पष्ट शब्दों में उन्हें धमकी दी थी कि वो प्रशासनिक काम करें, नेतागिरी ना करें। यह उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा।

कैलाश विजयवर्गीय की इस धमकी की गूंज सीएम हाउस और मध्यप्रदेश की पूरी आईएएस लॉबी तक पहुंची। परिणाम यह कि फेसबुक पर पी नरहरि चुप हो गए। अलबत्ता 2 मई का उन्होंने सीएम का 'नेपाल राहत' वाला संदेश भी प्रसारित किया था, लेकिन इसके बाद कोई अपडेट नहीं आया। आज 5 मई को 'एक मिनिट का मौन' आयोजित था। लोगों को इंतजार था कि पी नरहरि क्या करते हैं, क्या पहले की तरह इस आयोजन की फोटो फेसबुक पर अपलोड करेंगे, परंतु ऐसा नहीं हुआ। शाम 4 बजे तक उनकी फेसबुक पर कुछ भी नहीं था।

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