11.5 लाख लोगों को रोज 2 घंटे छकाती है बिजली कंपनी की गिलहरी

ग्वालियर। बिजली कंपनी की गिलहरी शहर की 11.5 लाख की आबादी के लिए परेशानी बनी हुई है। गर्मी बढ़ते ही सुबह 6 बजे से प्रतिदिन बिजली गुल हो जाती है, बिजली घर फोन लगाने पर पता चलता है कि गिलहरी की वजह से लाइन ट्रिप मार गई है। जबकि पॉश कॉलोनियों में जहां एसी ज्यादा लगे हैं वहां तो भरी दोपहर में गिलहरी की वजह से बिजली गुल हो जाती है। ऊर्जा सचिव आईसी केसरी जब से 24 घंटे बिजली देने की हिदायत देकर गए हैं तब से गिलहरी बिजली कंपनी के लिए कटौती का हथियार और पब्लिक के लिए मुसीबत का कारण बन गई है।

गर्मी आते ही बिजली की खपत 28 लाख यूनिट से बढ़कर 32 लाख यूनिट तक पहुंच जाती है। ऐसे में खपत बढ़ने पर लाइन लॉसेस कम करना बिजली कंपनी के लिए चुनौती बन जाता है। हालांकि इस दौरान मेंटेनेंस के नाम पर 6 घंटे तक कटौती की जाती है, लेकिन वह सीमित क्षेत्र में ही होती है, जबकि बिजली का लोड पूरे शहर में बढ़ता है। ऐसे में बिजली कंपनी सोची समझी प्लानिंग के तहत सुबह 6 से 9 बजे के बीच 2 घंटे की बिजली कटौती करती है। यह कटौती एक साथ नहीं बल्कि दो तीन बार लाइन को ट्रिप करके की जाती है। उपभोक्ता जब बिजली घर फोन लगाता है तो बताया जाता है कि गिलहरी की वजह से लाइन ट्रिप मार गई होगी। यह तकनीक खासतौर पर उन इलाकों में अपनाई जाती है, जहां पर लाइन लॉसेस काफी अधिक होता है।

हर क्षेत्र का अलग कोडः
विनय नगर, आनंद नगर, शब्द प्रताप आश्रम, श्री विहार कॉलोनी, कोटेश्वर कॉलोनी सहित अन्य इलाकों में गिलहरी का कोड दिया हुआ है। यहां सुबह जब बिजली जाती है तो गिलहरी को कारण बताया जाता है।
दीनदयाल नगर, एमपी नगर कॉलोनी, आदर्श कॉलोनी, शताब्दीपुरम इलाके में पक्षियों के कारण लाइन ट्रिप होना बताया जाता है।
लक्ष्मण तलैया, शिन्दे की छावनी, रामबाग कॉलोनी आदि में बंदरो के कारण लाइन ट्रिप मारने का जुमला उपभोक्ताओं को सुनने को मिलता है।
हजीरा, चार शहर का नाका, घासमंडी, किलागेट जैसे इलाकों में बिजली चोरी करने वालों पर ही बिजली गुल होने की जिम्मेदारी डाल दी जाती है।

क्यों की जाती है बिजली कटौतीः
गर्मी बढ़ते ही एसी, कूलर हर घर में चालू हो जाते हैं।
खपत बढ़ते ही लाइन लॉसेस बढ़ता है और बिजली कंपनी के अधिकारियों की परेशानी बढ़ जाती है।
ऐसे में उन इलाकों में कटौती की जाती है जहां लाइन लॉसेस अधिक होता है।
पॉश इलाकों में एसी चलने की वजह से ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ जाता है।
ऐसे में ट्रांसफार्मर का लोड कम करने के लिए लाइन ट्रिप की जाती है।
इस प्रकार पूरे शहर में करीब 2 घंटे की अघोषित बिजली कटौती हो रही है।

रात में भी लाइन ट्रिप होती हैः
केवल सुबह ही नहीं रात में भी करीब 12 बजे एक बार लाइन ट्रिप होती है। उसकी वजह यह है कि कई लोग मीटर सेट कर देते हैं, लेकिन बिजली गुल होने के बाद जब दोबारा बिजली सप्लाई शुरू होती है तो मीटर चालू हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति को पता भी नहीं चलता है और मीटर से सप्लाई चालू हो जाती है।

एक्सपर्ट व्यूः
गर्मियों में लोड बढ़ जाता है, जिन पॉश इलाकों में एसी ज्यादा चलते हैं और ट्रांसफार्मर पर लोड अधिक हो जाता है तो सप्लाई 1-2 घंटे के लिए बंद करना पड़ती है। दूसरी वजह यह है कि गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ जाती है ऐसे में लाइन लॉसेस कम करने के लिए बिजली कटौती की जाती है।
राजहंस सेठ, पूर्व मुख्य अभियंता मक्षेवि वितरण कंपनी

मेंटेनेंस के अलावा शहर में कहीं भी बिजली कटौती नहीं की जा रही है। इसके अलावा यदि कहीं फॉल्ट हो तभी बिजली गुल होती है। हमारा दावा है कि कहीं भी शहर में अघोषित बिजली कटौती नहीं हो रही है, हम सप्लाई 24 घंटे दे रहे हैं।
अरुण शर्मा, महाप्रबंधक, मक्षेवि वितरण कंपनी

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