पति को खिलाए नशीली दवा वाले परांठे, फिर गला घोंट दिया

जबलपुर। सात माह पहले विजय नगर थाना क्षेत्र में हुई युवक योगेश की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी और उसके पूर्व पति को गिरफ्तार किया है। दोनों ने मिलकर योजनापूर्वक पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया था। महिला ने नशे की गोलियां मिले पराठे पति को खिला दिए। बेहोश होने पर महिला के पूर्व पति ने तकिए से योगेश का दम घोंट डाला। लाश को बोरे में डालकर कृषि मंडी के पीछे फेंक दिया। आरोपियों ने 7 महीने तक पुलिस को गुमराह किया, लेकिन मृतक की मोबाइल लोकेशन ने हत्या का राज खोल दिया।

ये है मामला
विजय नगर पुलिस ने बताया कि 5 सितम्बर 2014 को कृषि उपज मंडी के पास विजय नगर निवासी योगेश साहू (30) की लाश मिली थी। इसी दिन देर शाम मृतक की बाइक हनुमानताल थाने के पास लावारिस हालत में मिली। पूछताछ में पत्नी पूजा साहू ने जानकारी दी थी कि योगेश कटंगी रोड स्थित पेपर मिल में काम करता था। वह 2 सितम्बर की सुबह 10.30 बजे मिल के लिए घर से निकला था। घर नहीं लौटने पर पूजा ने विजय नगर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। विजय नगर पुलिस के अनुसार उस समय पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह नशे की हालत में दम घुटना बताया गया था, लिहाजा मर्ग कायम कर जांच की जा रही थी।

मोबाइल लोकेशन ने खोला राज
पुलिस ने बताया कि लंबी जांच में कोई नतीजा नहीं निकला लेकिन हाल ही में एक डायरी मिलने पर नए सिरे से जांच की गई। योगेश के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई गई। पता चला कि 2 सितम्बर की सुबह 11.15 बजे तक उसकी लोकेशन घर पर ही थी, जबकि पूजा ने 10.30 बजे योगेश के घर से निकल जाने की जानकारी दी थी। बस यहीं से पुलिस ने कड़ियां जोड़ते हुए पूजा के साथ अधारताल निवासी उसके पूर्व पति भीमा को हिरासत में लिया। पूछताछ में दोनों ने योगेश की हत्या करना कबूल कर लिया।

पुराना प्यार जागा और बनाया मर्डर का प्लान
पूजा ने पुलिस को बयान दिया कि 8 साल पूर्व उसकी पहली शादी अधारताल निवासी कैलाश साहू से हुई थी। मनमुटाव के चलते उसने कैलाश से रिश्ता तोड़कर भीमा से शादी कर ली, जिससे उसकी बेटी शिखा हुई। बेटी होने के बाद भीमा से भी उसका मनमुटाव हो गया और इसी बीच उसकी मुलाकात योगेश से हुई। 1 अप्रैल 2014 को उसने योगेश से शादी कर ली। योगेश ने बेटी शिखा को अपनाया और दोनों विजय नगर में रहने लगे। लेकिन इसी बीच भीमा एक बार फिर जिन्दगी में आया, उनका प्यार फिर जाग उठा। दोनों ने मिलकर योगेश के मर्डर का प्लान बना लिया। योजना के अनुसार 2 सितम्बर की सुबह पूजा ने योगेश के नाश्ते में पराठे बनाए, जिसमें नशे की 5 गोलियां मिला दीं। बेहोश होने पर भीमा ने तकिए से योगेश का दम घोंट दिया। हत्या के बाद भीमा ने अपने कपड़ों के ऊपर योगेश के कपड़े पहने और लाश को बोरे में बंद कर दिया। योगेश रोज मुंह में कपड़ा बांधकर घर से निकलता था। भीमा ने भी उसी तरह कपड़ा मुंह में बांधा और बाइक से लाश ले जाकर कृषि मंडी के पीछे फेंक दी। बाद में बाइक हनुमानताल थाने के पास छोड़कर चाबी तालाब में फेंक दी।

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