धूमधाम से सम्पन्न हुआ बालविवाह: प्रशासन चुपचाप रहा

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। जिले में बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासनन के दावो की पोल 26 अप्रैल को मुख्यालय में ही खुल गई जब वार्ड क्रमांक 6 में 17 वर्षीय आयु वाले वर का विवाह मुख्यालय से 4 किमी दूर स्थित ग्राम हर्री-बर्री में संपन्न हो गया।

कहने को तो बाल विवाह रोकने के लिए महिला बाल विकास विभाग सहित जिला प्रशासन संयुक्त कलेक्ट्रेट में बैठको का आयोजन कर निर्देश भी जारी किए गए लेकिन शिकायत मिलने के साथ ही पुख्ता दस्ततावेजो के बावजूद 26 अप्रैल को बाल विवाह संपन्न कर दिया गया जबकि वर पक्ष की जन्मतिथि विद्यालय में दर्ज पंजीयन मेंं 1 दिसबर 1997 दर्ज है।

यह है मामला
मुख्यालय अंतर्गत वार्ड क्रमांक ६ की आंगनबाड़ी कार्यकतर्ता ने महिला बाल विकास विभाग से शिकायत कर बताया कि वार्ड क्रमांक ६ में निवास करने वाले चेतराम राठौर के पुत्र अशोक राठौर का विवाह ग्राम हर्री-बर्री में २६ अप्रैल को संपन्न होने जा रहा है जिसके बाद महिला सशक्तिकरण अधिकाररी ने शिकायत मिलते ही पुख्ता दस्तावेज प्राप्त कर वर पक्ष के घर में शादी न करने की बात कही लेकिन परिवार वालो के न मानने के बाद इन्होने ने अपने उच्चाधिकारियों सहित कोतवाली अनूपपुर में शिकायत दर्ज करने के साथ दस्तावेज उपलब्ध कराए जिसमें वर अशोक राठौर की जन्मतिथि आदर्श उच्चतर माध्यमिक रेल्वे अनूपपुर में दाखिला पंजी क्रमांक ११५८ में दर्ज जन्म तिथि १ दिसम्बर १९९७ का प्रमाण पत्र प्राचार्य ने दिया जिसे भी संलग्र करर शादी रोकने की बात कही लेकिन इस पुलिस के आला अधिकारियों ने भी ध्यान नही दिया।

रूका नही विवाह
महिला बाल विकास विभाग सहित प्रशानिक अधिकारी एवं पुलिस विभाग को १७ अप्रैल को इसकी जानकारी दी गई लेकिन संबंधित अधिकारियों सहित पुलिस प्रशासन ने २६ अप्रैल को संपन्न हुई शादी को रोकने का प्रयास नही किया गया। जबकि कलेक्टर ने बैठको में एसडीएम, पुलिस विभाग सहित महिला बाल विकास विभाग को नाबालिगो को शादी रोकने के सख्त निर्देश दिए थे बावजूद इसके २६ अप्रैल को धूमधाम से विवाह संपन्न हो गया।

नाकाम रहा दल
बाल विवाह रोकने के लिए १९ अप्रैल को संयुक्त कलेक्ट्रेट में बैठक कर प्रशासनिक अधिकारियों ने जन प्रतिनिधियों, समाज सेवियों, पत्रकारो से अपील की थी कि बाल विवाह रोकने एवं सूचना देने व आप लोगो के सहयोग से इस पर नियंत्रण किया जा सकता है साथ ही लोगो में जागरूकता ला सकते है इसके लिए नाबालिगो की शादी के कई नाटक का मंचन कलेक्टर एवं महिला बाल विकास द्वारा भी किया गया था तथा टीम बनाकर इसे रोकने की कवायद की थी लेकिन जिले में बनाई गई टीम भी इस शादी को रोकने में नाकाम साबित रही।

शादी के दिन FIR के दिए निर्देश
बाल विवाह को ना रोक पाने तथा शिकायतों के बाद कलेक्टर एन.एस.परमार ने शादी के दूसरे दिन दोषियो के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दे दिए है लेकिन सवाल इस बात पर उठता है कि पहले से जानकारी होनने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन इस बाल विवाह को रोकने में क्यो नाकाम साबित रही।

इनका कहना है
पूरे मामले में कार्यवाही के साथ ही दोषियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
श्रीमती मंजूषा शर्मा, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी, अनूपपुर

इनका कहना है
इस मामले में जो भी दोषी होगा उन सब के विरूद्ध जांच और कार्यवाही के निर्देश दिए गए है।
एन.एस. परमार, कलेक्टर अनूपपुर

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