हर महीने होगा प्राइवेट स्कूलों का निरीक्षण

भोपाल। शिक्षा का अधिकार (RTE) के तहत दाखिला देने वाले स्कूलों का हर निरीक्षण किया जाएगा। यहां की स्थिति के अनुसार स्कूल की रिपोर्ट बनेगी। इसी रिपोर्ट पर स्कूलों को फीस की प्रतिपूर्ति की जाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र अगले माह तक इस संबंध में निर्देश जारी कर सकता है। इसके बाद हर जिले में प्रत्येक निजी स्कूल के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे, जो स्कूलों का निरीक्षण करेंगे।

निजी स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति प्रक्रिया में कई खामियां हैं। अब तक विभाग ऐसा सिस्टम नहीं बना सका है, जिससे निजी स्कूलों में गरीब एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के दाखिले की सही स्थिति पता चल सके। इस कारण पिछले दो साल से फीस की प्रतिपूर्ति में दिक्कत आ रही है। अब तक की जांच में सामने आया है कि कई स्कूलों ने दाखिले से ज्यादा संख्या दिखा दी है। शासन ने ऐसे स्कूलों की फीस रोक दी गई है। हालांकि फीस रोकने को लेकर इस साल राजधानी सहित पूरे प्रदेश में काफी हंगामा भी हुआ। इसी परेशान से निजात पाने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र फीस देने की प्रक्रिया बदल रहा है।

यह करेंगे पर्यवेक्षक
अगले सत्र से स्कूल शिक्षा विभाग का एक कर्मचारी नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करेगा। निरीक्षण के दौरान स्कूलों में उन बच्चों की स्थिति देखी जाएगी, जिन्होंने आरटीई के तहत दाखिला लिया है। इसके बाद पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड करेगा। उस रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों को फीस की राशि आवंटित की जाएगी। यह राशि डायरेक्टर स्कूल के बैंक खाते में जाएगी।

RTE के मापदंड पूरे कराने गठित होगी कमेटी
निजी स्कूलों से 'निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009' के मापदंड पूरे कराने के लिए जिला स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले निजी स्कूलों का फिजिकल वेरीफिकेशन कर अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को देंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर मापदंड पूरे नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

स्कूलों को आरटीई के मापदंड 31 मार्च 2015 तक पूरे करना थे। यह समय निकल चुका है। इसलिए अगले शैक्षणिक सत्र में उन्हीं निजी स्कूलों को मान्यता मिलेगी जो आरटीई के मापदंड पूरे कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से कमेटी का गठन किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि स्कूलों का वेरीफिकेशन करने के साथ कमेटी के सदस्य बच्चों से बात भी करेंगे। यदि आरटीई में दाखिला लेने वाले बच्चे स्कूल में भेदभाव या अन्य तरह की शिकायत करते हैं, तो संबंधित स्कूल की मान्यता खत्म करने की कार्रवाई भी हो सकती है। जिला परियोजना समन्वयक इंतेखाब खान का कहना है कि निजी स्कूलों का वेरीफिकेशन करने के लिए कलेक्टर ने कमेटी बनाने को कहा है। जल्द ही कमेटी का गठन कर लिया जाएगा।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !