पढ़िए एयरपोर्ट पर महिला यात्री से अधिकारी ने कितने गंदे गंदे सवाल किए

भोपाल। अपने पति से मिलने के लिए नईदिल्ली एयरपोर्ट से हांगकांग जा रही एक महिला से एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारी ने जिस तरह से सवाल पूछे, उसके बाद तो आप अपने घर की महिलाओं को कभी एयरपोर्ट जाने ही नहीं देंगे और कम से कम अकेले को बिल्कुल नहीं। हां आप कह सकते हैं कि दिल्ली की सड़कों ही नहीं बल्कि एयरपोर्ट जैसे हाईस्क्योर्ड केंपस में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है। 

हम इससे ज्यादा कुछ नहीं लिखेंगे, बस इतना जरूरी कहेंगे कि पढ़ लीजिए, महिला के ससुर द्वारा लिखी गई यह शिकायत, जिसके मीडिया में आ जाने के बाद आरोपी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया, परंतु अभी तक पुलिस कार्रवाई शुरू नहीं हुई है। 

पढ़िए महिला के सुसर की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत 

कमीश्नर ब्यूरो ऑफ इंमिग्रेशन दिल्ली
श्री पीके भारद्वाज

18 मार्च की रात 9.30 बजे मेरी बहू हांगकांग जाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंची थी, जहां देर रात 2 बजे उसकी हांगकांग की फ्लाइट थी। मैं यह शिकायत दर्ज कराना चाहता हूं कि मेरी बहू को इमिग्रेशन विभाग के कांउटर पर एक अधिकारी द्वारा अश्लील और गंदे सवाल पूछकर प्रताड़ित ‍किया गया बल्कि उस अधिकारी द्वारा डोमेस्टिक एयरपोर्ट से इंटरनेशलनल एयरपोर्ट तक ट्रांसफर के बीच उसका पीछा भी किया।
मैं आपका ध्यान मेरी बहू से अधिकारी द्वारा पूछे गए सवालों पर दिलाना चाहूंगा।

1. आपके कितने बच्चे हैं? आपने उन्हें कहां छोड़ा है?
2. आप जवान लड़कियां बच्चे पैदा कर लेती हैं और बाद में उन्हें माता-पिता के सुपर्द कर दूसरे व्यक्ति के साथ मजा करती हैं।
3. आप शराब पीती हैं?
4. क्या आप सिगरेट पीती हैं?
5. क्या आप चिकन खाती हैं?
6. क्या पति के बाहर होने पर आपने किसी दूसरे पुरुष के साथ भी शारारिक संबंध बनाए हैं?
7. क्या बच्चे का जन्म रोकने के लिए कोई सर्जरी कराई है? (नसबंदी)
8. जब पति काम पर रहते हैं तो क्या आप किसी दूसरे पुरुष के साथ सोई हैं?
9. क्या आप मुझसे तीसरा बच्चा पैदा करना चाहेंगी? क्योंकि मेरी पत्नी तीसरा बच्चा नहीं चाहती है।
10. आप हांगकांग अकेले क्यों जा रही हैं? क्या पति के साथ मजे करने जा रही हो या किसी और के साथ? क्या मेरे साथ मजा करोगी?
11. क्या हांगकांग किसी और के साथ रह रही हो?
12. तुम्हारा नंबर मुझे दो ताकि तुम्हारे पति के घर न होने पर मैं तुम्हें कॉल कर सकूं।
इस तरह के सवालों से मेरी बहू बेहद डर गई और उसने फोन पर अपने दोस्त को इस अधिकारी के बारे में बताया। उसके बाद वह सीढ़ि‍यां चढ़ने के दौरान मेरी बहू के पीछे-पीछे भी आया।
आपको बताना चाहूंगा कि सफर में अकेले होने के कारण मेरी बहू बेहद डर गई और उसने 23 मार्च को हांगकांग से लौटने के बाद मेरे बेटे और उसके पति के साथ इमिग्रेशन विभाग के ब्यूरो ऑफिस में अधिकारी आलोक वर्मा के सामने शिकायत भी की। लेकिन आलोक वर्मा ने बजाय शिकायत दर्ज करने के एक विभागीय शिकायत पुस्तिका थमाते हुए अपने पास शिकायत दर्ज कराने से इंकार कर दिया और शिकायत को ऑन लाइन दर्ज कराने के लिए कहा।

आपको बताना चाहूंगा कि उसी दौरान कैबिन में वही कथित ऑफिसर ड्यूटी पर था और मेरी बेटी ने उसे पहचान लिया। जहां पूछताछ के दौरान उसने 18 मार्च की रात मेरी बहू से सामना होने की बात कबूल की जबकि उसने इमिग्रेशन डेस्क पर इस तरह के सवाल पूछने और पीछा करने की बात पूरी तरह से इंकार कर दिया। उस ऑफिसर का नाम विनोद कुमार है और असिसटेंट इमिग्रेशन ऑफिसर है।

मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस पूरे मामले को संज्ञान मे लेते हुए कथित अधिकारी पर कठोर से कठोर कार्रवाई करें। साथ ही 18 मार्च की रात को इस घटना के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराने की कृपा करें।

एयरपोर्ट जैसी जगह पर यात्रा कर रही एक अकेली महिला से एक सरकारी अधिकारी द्वारा की गई बदतमीजी को बहुत ही गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इस मामले में किसी तरह का एक्शन नहीं लिया गया तो मेरे पास आखिरी चारा प्रेस और मीडिया के पास जाने का है। आपसे उम्मीद है कि आप इस शिकायत की प्रति मुझे भेजेंगे।


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