पढ़िए शिवराज के खिलाफ 40 हजार प्रदर्शन: ये भी एक रिकार्ड है

भोपाल। मप्र के इतिहास में इसे भी दर्ज किया जाएगा। यह भी एक रिकार्ड है कि मध्यप्रदेश में खुशहाली की ब्रांडिंग कर देशभर में लोक​प्रियता बटोरने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सरकार के खिलाफ 40 हजार धरना आंदोलन हुए। बड़ी बात तो यह है कि अकेले व्यापमं को लेकर 7 हजार धरने आंदोलन हुए। जो लगातार जारी हैं।

यह जानकारी पुलिस इंटेलीजेंस द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों से मिली है। इसके अनुसार भाजपा सरकार में पिछले 11 सालों में 40 हजार से अधिक धरने-आंदोलन हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 20 हजार आंदोलन राजनैतिक दलों द्वारा विभिन्न् मुद्दों पर किए गए हैं। दूसरे नंबर पर कर्मचारी आंदोलन रहे हैं, इन्होंने सरकार से अपने वेतन-भत्ते सहित अन्य मांगों को लेकर 5500 से ज्यादा धरने-प्रदर्शन किए हैं।

इस अवधि में सबसे ज्यादा धरना, प्रदर्शन और आंदोलन वर्ष 2013 में व्यापमं घोटाले को लेकर हुए हैं, इसके चलते इस वर्ष आंदोलनों की संख्या 7 हजार के करीब है।

सरकार जहां 24 घंटे बिजली देने की बात कहकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में हुए तीसरे नंबर पर बिजली को लेकर धरने-आंदोलनों की संख्या है। इन 11 सालों में आम आदमी ने बिजली समस्या को लेकर 4500 से अधिक धरने-प्रदर्शन किए हैं।

इतना ही नहीं किसान हितैषी सरकार का दावा करने वाली सरकार में किसानों ने भी जमकर प्रदर्शन किए हैं। इस अवधि में किसानों ने खाद-बीज, गेहूं खरीदी और फसल हानि मुआवजा को लेकर 3 हजार से अधिक आंदोलन किए हैं।

छात्र आंदोलन भी कम नहीं हुए उनका आंकड़ा भी लगभग 3 हजार के करीब है।

सांप्रदायिक सौहार्द बरकरार है
सरकार के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि प्रदेश में पिछले 11 सालों में सांप्रदायिक तनाव, दंगे और घटनाएं नाम मात्र की हुई हैं। यही वजह है कि मप्र को शांतिपूर्ण राज्य कहा जाता है। इस अवधि में सांप्रदायिक घटना 115, सांप्रदायिक तनाव 67 और सांप्रदायिक दंगे मात्र 2 हुए हैं। दंगों और आंदोलन में अब तक 41 लोग मरे हैं वहीं लगभग 110 लोग घायल हुए हैं।

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