FIR में नहीं था नाम, मिला आजीवन कारावास

ग्वालियर। हत्या के एक मामलने में गुना के विशेष न्यायाधीश आरबी कुमार ने फरियादी द्वारा एफआईआर व पुलिस कथन में आरोपी का नाम नहीं बताने पर भी आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मामले में बचाव पक्ष के वकील ने आरोपी का नाम एफआईआर और पुलिस कथन में नहीं होने का तर्क दिया था, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। लोक अभियोजक देवेन्द्र कुमार पलिया के मुताबिक ईसागढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम देवंतपुर मढ़िया में पूरन आदिवासी रहता है। 12 जुलाई 2007 को पूरन अपने बेटे रतना, रूपा, मंगल सिंह आदि के साथ खेत पर मक्का वो रहा था, उसी समय करन सिंह, बुद्धिमान, धर्मसिंह ने अपनी जमीन बताते हुये, पूरन की टपरिया में आग लगा दी और रामलाल, हल्कू, रतना, रूपा, मंगल सिंह की मारपीट कर घायल कर दिया। इलाज के दौरान हल्कू की मौत हो गई। पूरन ने इस मामले में एफआईआर कराई थी, पुलिस को कथन दिये थे तब उसने बुद्धिमान का नाम नहीं लिखवाया था। कोर्ट ने आरोपी बुद्धिमान को जोड़ते हुये फैसला सुना दिया। और उसे भी आजीवन कारावास की सजा सुना दी।

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