भोपाल। कंपनियों ने पेट्रोल/डीजल के दाम घटाए, हमने टैक्स लगाकर बढ़ा दिए। जितना घटा है उतना ही बढ़ा है, जनता की जेब पर क्या फर्क पड़ेगा। उसे उतना ही भुगतान करना होगा जितना वो करती आई है, यह बेतूके भावार्थ हैं वित्त्मंत्री के उस बयान के जो उन्होंने आज पेट्रोल/डीजल पर वेट बढ़ाते हुए दिए।
केन्द्र सरकार ने 12 घण्टे पहले पेट्रोल-डीजल सस्ता कर आम लोगों को जो राहत दी थी, राज्य सरकार ने एक ही दिन में वो राहत छीन ली। मंत्रियों के विरोध को दरकिनार करते हुए मंगलवार को शिवराज कैबिनेट ने पेट्रोल-डीजल पर चार फीसद वैट बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को हरी झण्डी दे दी। वैट बढ़ाए जाने का निर्णय पारित होने से देश में भाजपा शासित राज्यों में सबसे ज्यादा वैट लेने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश का नाम सबसे ऊपर आ गया है।
इन मंत्रियों ने किया विरोध
बाबूलाल गौर - पंचायत चुनाव के ठीक पहले पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जाना उचित नहीं है।
गौरीशंकर शेजवार - दाम बढ़ाने से जनता में गलत संदेश जाएगा।
भूपेन्द्र सिंह - खजाना भरना ही है तो इसे किसी भी वस्तू पर उपकर लगा दो, सीध्ो पेट्रोल-डीजल पर दाम बढ़ाने से जनता में विरोध के स्वर उठ सकते हैं।
ये है वित्त मंत्री का जवाब जिससे सीएम भी सहमत हैं
हमारे वैट बढ़ाने से जनता को ज्यादा फर्क नहीं पढ़ेगा, क्योंकि पेट्रोल-डीजल के पहले से ही दाम बहुत कम हो गए हैं। लगातार 9वीं बार दाम घटे हैं, थोड़े बढ़ जाएंगे तो क्या फर्क पडेगा।