इंदौर। पंजीयन अधिनियम में संशोधन कर स्टाम्प ड्यूटी में वृद्धि को लेकर वकीलों और प्रॉपर्टी ब्रोकर्स ने विरोध किया। मोती तबेला के पंजीयन कार्यालय में उन्होंने जिला पंजीयक को ज्ञापन सौंपा। इंदौर अभिभाषक संघ, प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसोसिएशन, जनहित संघर्ष समिति आदि ने शासन से बढ़ाया गया पंजीयन शुल्क वापस लेने की मांग की।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि, सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए स्टाम्प शुल्क बढ़ा रही है। लेकिन इससे आम जनता पर बोझ डाला जा रहा है। केंद्र सरकार ने शपथ-पत्र की नोटरी की अनिवार्यता भी खत्म कर दी है। लेकिन राज्य शासन ने शपथ-पत्र पर स्टाम्प शुल्क 50 रूपए और इसकी नोटरी के लिए भी 50 रूपए का स्टाम्प शुल्क कर दिया है। पावर ऑफ अटार्नी, नोटरी आदि दस्तावेजों पर भी स्टाम्प शुल्क में काफी बढ़ोतरी कर दी गई है।