पृथ्वी पर रहने वाले हम मनुष्य अपनी आंखों से एक स्क्वायर मीटर में अधिकतम 10000 कैंडल के बराबर प्रकाश देख सकते हैं। 100 वाट के बल्ब को हम अपनी आंखों से देख सकते हैं परंतु 1000 वाट की हैलोजन लाइट को आंखों से देखने में परेशानी होती है और दोपहर के सूर्य को हम अपनी आंखों से बिल्कुल नहीं देख पाते। पृथ्वी पर सबसे अधिक तीव्र सूर्यप्रकाश (1,000 W/m² intense sunlight) सहन करने वाला प्राणी सहारन सिल्वर चींटी (Saharan silver ant, वैज्ञानिक नाम: Cataglyphis bombycina) है। जरा सोचिए क्या हो जब आपको अपने सूर्य का 50 गुना नहीं बल्कि 50 करोड़ गुना तीव्र सूर्य प्रकाश दिखाई दे। यह ऐतिहासिक घटना घटित हो गई है।
ब्रह्मांडीय घटना से 4 आश्चर्यजनक तथ्य
ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी (Zwicky Transient Facility) का उपयोग कर रहे वैज्ञानिकों ने एक ऐसी ही ब्रह्मांडीय घटना दर्ज की है, जिसके आँकड़े इतने विशाल हैं कि वे हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं। यह अब तक देखी गई सबसे बड़ी और सबसे दूर की ब्लैक होल ज्वाला है। इस ब्रह्मांडीय महाकाव्य को समझने के लिए, चलिए इसके चार सबसे हैरान कर देने वाले पहलुओं को जानते हैं।
एक ब्लैक होल जो हमारे सूर्य से 50 करोड़ गुना बड़ा है
यह घटना एक सक्रिय गैलेक्टिक न्यूक्लियस (Active Galactic Nucleus - AGN) में हुई। AGN किसी आकाशगंगा का अत्यधिक ऊर्जावान केंद्र होता है, जहाँ एक महाविशाल ब्लैक होल लगातार आसपास के पदार्थ, जैसे गैस और धूल, को निगल रहा होता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस विशेष ब्लैक होल का द्रव्यमान हमारे सूर्य से 50 करोड़ गुना अधिक है। यह एक ऐसा पैमाना है जिसकी वास्तविक कल्पना करना भी हमारे दिमाग के लिए लगभग असंभव है।
एक ऐसी घटना जो 10 अरब प्रकाश वर्ष दूर हुई
यह विशालकाय ज्वाला हमसे 10 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर घटी। इसका मतलब है कि इस ज्वाला से निकला प्रकाश हम तक पहुँचने के लिए 10 अरब वर्षों से यात्रा कर रहा है। हम अनिवार्य रूप से समय में पीछे देख रहे हैं, उस ब्रह्मांड को देख रहे हैं जो अपनी युवावस्था में था। यह खोज खगोलविदों के लिए ब्रह्मांड के शुरुआती दौर का अध्ययन करने का एक अनमोल अवसर है।
एक तारे को निगलने से पैदा हुई ज्वाला
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह ज्वाला एक "ज्वारीय विघटन घटना" (tidal disruption event) के कारण उत्पन्न हुई थी। इसमें, ब्लैक होल के अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण ने पास के एक विशाल तारे को अपनी ओर खींचकर टुकड़े-टुकड़े कर दिया और उसे निगल लिया। यह कोई छोटा तारा नहीं था; अनुमान है कि इसका द्रव्यमान हमारे अपने सूर्य से 30 गुना अधिक था।
एक चमक जो 10 खरब सूर्यों के बराबर थी
इस ज्वाला ने एक ऐसी प्रलयंकारी चमक पैदा की जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। अपने चरम पर, यह ज्वाला 10 खरब सूर्यों के प्रकाश के बराबर चमकी। कैलटेक के ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, यह ज्वाला इतनी शक्तिशाली थी कि:
“अपनी चरम चमक पर, यह ज्वाला 10 खरब सूर्यों के प्रकाश के बराबर चमकी।”
इस एक घटना में जारी हुई ऊर्जा की मात्रा अकल्पनीय है, जो इसे अब तक की सबसे बड़ी दर्ज की गई ज्वाला बनाती है।
निष्कर्ष: ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्य
यह खोज हमें ब्रह्मांड की विशालता और इसमें होने वाली चरम घटनाओं की एक झलक देती है। इस अध्ययन के प्रमुख अन्वेषकों में से एक, मैथ्यू ग्राहम ने कहा, "यह अब तक देखे गए किसी भी AGN जैसा नहीं है।" प्रतिष्ठित पत्रिका नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित यह शोध इस बात का प्रमाण है कि ब्रह्मांड हमेशा हमें आश्चर्यचकित करने के लिए तैयार रहता है। यह हमें याद दिलाता है कि हम अभी भी इस ब्रह्मांड के कितने रहस्यों से अनजान हैं, जो इसके विशाल अंधेरे में उजागर होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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