मध्य प्रदेश सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं है। हाई कोर्ट में जब प्रमोशन में रिजर्वेशन से संबंधित सवालों के जवाब प्रस्तुत नहीं हो पाए तो सरकार ने केस जीतने के लिए एक नई रणनीति बनाई है। डेटाबेस तैयार करके हाई कोर्ट को बताया जाएगा कि, इस मामले के पेंडिंग रहने से कितना नुकसान हो रहा है। इसलिए सरकार ने जो नियम बनाया है, उसे मंजूर किया जाए।
सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन नियमों को अजाक्स का समर्थन
इधर, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए लड़ रही अजाक्स ने प्रमोशन के नए नियमों का समर्थन कर दिया है। अजाक्स के संरक्षक व पूर्व आईएएस जेएन कंसोटिया ने कहा कि सरकार के प्रयास अच्छे हैं।
अजा-अजजा के हितों का ध्यान रखा गया है। नए नियमों के हम विरोध में नहीं हैं, लेकिन यदि कोई इसके विरोध में आएगा तो हमने कोर्ट से कहा है कि वो हमारा पक्ष भी ले।
46% उच्च पदों पर एससी एसटी, आरक्षण लागू हुआ तो 100% हो जाएंगे
इधर, सपाक्स के राष्ट्रीय संयोजक हीरालाल त्रिवेदी का कहना है कि सभी उच्च पदों पर तय कोटा 36% (20% अजजा के और 16% अजा के) से ज्यादा लोग आरक्षित वर्ग के हो गए हैं। यह वर्तमान में 46% से भी ज्यादा है। ऐसे में अब प्रमोशन में रिजर्वेशन की जरूरत ही नहीं। कोर्ट ने मांगा कि इस समय प्रमोटी अधिकारियों में अजा और अजजा के कितने हैं। जब ये ज्यादा हो ही गए हैं तो अब प्रमोशन में रिजर्वेशन के लिए नए नियमों की जरूरत ही नहीं। मैरिट के अनुसार प्रमोशन हो रहे हैं।
एक्स-वाई का डाटा 12 नवंबर को प्रस्तुत किया जाएगा
इस बीच शासन स्तर पर अजा और अजजा (एक्स और वाई) का डाटा तकरीबन तैयार हो गए हैं। अजजा विभाग का आना शेष है। इसमें यह सामने आया है कि सभी जगह प्रतिनिधित्व पर्याप्त दिखाई दे रहा है, लेकिन कुल पदों की तुलना में यह कम हो सकता है। एक्स-वाई का डाटा 12 नवंबर को कोर्ट में रखा जा सकता है।
प्रमोशन न होने से 90 हजार पद खाली
दस साल से प्रमोशन नहीं होने के कारण ग्रेड वन (क्लास वन) के 15 हजार 159 पदों में से 8 हजार 410 पद खाली हैं। इसी तरह उप संचालक, डिप्टी कलेक्टर, टीचर समेत ग्रेड-2 के कुल 1 लाख 32 हजार 901 पदों में से 80 हजार के करीब पद रिक्त हो गए हैं। इस हिसाब से कुल 1 लाख 48 हजार 060 पदों की तुलना में 90 हजार के करीब पद रिक्त हैं।
.webp)