भाजपा के डीएनए में विरोध प्रदर्शन और कांग्रेस के डीएनए में सत्ता का लाभ इस कदर बसा हुआ है कि, दोनों पार्टियों के नेता अपना टारगेट अचीव करने के लिए कोई ना कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं। सीधी सिंगरौली के सांसद ने एक हवन टोटका किया है ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
यात्रा पर निकली सांसद अचानक सड़क पर बैठ गए
सीधी सिंगरौली के सांसद डॉ राजेश मिश्रा एक यात्रा पर निकले हुए हैं। इस यात्रा का नाम "आत्मनिर्भर भारत संकल्प यात्रा और सरदार @ 150 यूनिटी मार्च नाम दिया गया है। डॉ मिश्रा एक यात्रा से एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी संगठन को साधने का काम कर रहे हैं। इसी यात्रा के बीच में यात्रा के दूसरे दिन वह अचानक सड़क पर बैठ गए। कोई ₹25 की हवन सामग्री ले आया। बिना हवन कुंड, बिना आसान और बिना ब्राह्मण के सड़क पर लड़कियां रखकर आग लगा दी और आहुति देते हुए फोटो वीडियो कैप्चर करवा लिए गए। फिर यह वीडियो ऐसे पत्रकारों को दिया गया जो क्रॉस क्वेश्चन नहीं करते।
सांसद ने हाइवे के लिए बाधा-निवारण हवन किया
इसके बाद समाचार प्रकाशित हुए, सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग NH-39 के निर्माण में लगातार आ रही रुकावटों के बीच सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने मुख्य सड़क पर 'बाधा-निवारण हवन' किया। इस दौरान उनके साथ राज्य मंत्री राधा सिंह और भाजपा के अन्य नेता भी मौजूद रहे। सांसद डॉ. मिश्रा ने “रन फॉर यूनिटी” और सीधी-सिंगरौली पदयात्रा के दौरान इस मार्ग से गुजरते हुए यह अनुष्ठान किया। सोशल मीडिया पर न्यूज़ अपलोड होते ही डिबेट शुरू हो गई। विपक्षी पार्टी के नेताओं ने बयान देना शुरू कर दिया। सब कुछ वही हुआ जो सोचा था। हवन की अग्नि की दूसरी तरफ क्या खेल खेला गया है, किसी ने क्रॉस चेक नहीं किया।
FACT CHECK: सांसद मिश्रा में सोशल मीडिया पर अपडेट नहीं किया
सीधी सिंगरौली के सांसद डॉक्टर राजेश मिश्रा के हवन के बारे में जो समाचार प्रकाशित हुए। वैसा कुछ भी उन्होंने आपने किसी भी सोशल मीडिया नेटवर्क पर अपडेट नहीं किया। X पर उन्होंने हवन करते हुए फोटो तो अपलोड किया है लेकिन यह नहीं बताया कि हवन किस कारण से, किस उद्देश्य से किया गया है।किसी भी पत्रकार को, किसी भी कैमरे के सामने, यहां तक कि उनके किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट पर इस प्रकार का कोई बयान नहीं है। इसका मतलब हुआ कि वह जब चाहे तब खबर को गलत बोल सकते हैं। कह सकते हैं कि उन्होंने तो आत्मनिर्भर भारत की कामना से हवन किया था, या फिर सरदार पटेल की आत्मा की शांति के लिए हवन किया था और यात्रा भी तो इसी उद्देश्य से है।
सांसद डॉ मिश्रा ने ऐसा क्यों किया यह जानने से पहले सीधी सिंगरौली नेशनल हाईवे नंबर 39 का झमेला समझ लेते हैं।
सीधी सिंगरौली नेशनल हाईवे 39 की प्रॉब्लम क्या है
सीधी-सिंगरौली नेशनल हाईवे-39 (एनएच-39) का निर्माण कार्य मध्य प्रदेश राज्य मार्ग विकास प्राधिकरण (MPRDC) द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH), भारत सरकार के अधीन किया जा रहा है। परियोजना में देरी के कारण भूमि अधिग्रहण, कोविड-19 और ठेकेदारों की लापरवाही रही है। पूर्णता का लक्ष्य मार्च 2027 है।
प्रारंभिक ठेका गैमन इंफ्रा लिमिटेड को डीबीएफओटी मोड पर 2012 में दिया गया था, लेकिन 2020 में डिफॉल्ट के कारण रद्द कर दिया गया।
उसके बाद बैलेंस कार्य का ठेका तिरुपति बिल्ड-कॉन प्राइवेट लिमिटेड (TBCL) को ईपीसी मोड पर 2021 में ₹415 करोड़ में सौंपा गया, लेकिन मई 2025 में ठेकेदार के डिफॉल्ट (काम में देरी) के कारण रद्द कर दिया गया। अब तक लगभग 50 किमी सड़क का निर्माण हो चुका है।
वर्तमान में, शॉर्ट टर्म मेंटेनेंस का ठेका सिंगरौली मिनरल प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को ₹7.64 करोड़ में दिया गया है।
मुख्य निर्माण के लिए नया ठेका (₹455 करोड़ का) सितंबर 2025 में जारी किया गया है। तकनीकी बोली 11 नवंबर 2025 को खोली जाएगी, और नया ठेकेदार नवंबर के अंत तक फाइनल हो सकता है। निर्माण अवधि 24 महीने + मेंटेनेंस 5 वर्ष होगी।
सांसद डॉ मिश्रा का टारगेट क्या है, बिना तैयारी के हवन क्यों किया
पिछले पैराग्राफ में इसका उत्तर छुपा हुआ है। 455 करोड रुपए का नया टेंडर जारी हो चुका है। technical Bidding 11 नवंबर को होने वाली है और हवन 2 नवंबर को यानी कि बोली लगने से पहले किया गया। अब मनोकामना क्या रही होगी, शायद इसका उद्घाटन करने की आवश्यकता नहीं।
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