Shri Ganesh Chaturthi Puja Muhurta Date and Time - गणेश चतुर्थी 2024 पूजा मुहूर्त

आचार्य कमलांशु के अनुसार भारतीय कैलेंडर के भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, ग्रेगोरियन कैलेंडर में दिनांक 7 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। वैसे चतुर्थी का प्रारंभ दिनांक 6 सितंबर को दोपहर 3:00 बजे हो जाएगा एवं शिव भक्त सन्यासी 6 सितंबर को ही श्री गणेश की स्थापना करेंगे परंतु शास्त्रों का निर्देश है कि भारतीय गृहस्थ 7 सितंबर को श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना करेंगे। यहां ध्यान देना जरूरी है कि दिनांक 7 सितंबर को 5:20 PM तिथि परिवर्तन हो जाएगा। 

विभिन्न राज्यों में श्री गणेश प्रतिमा स्थापना का मुहूर्त 

  • दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश इत्यादि उत्तर भारत में सुबह 10:30 से 12:00 बजे तक अथवा दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक एवं शाम को 4:00 बजे से 5:00 बजे तक। 
  • मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में 10:45 से 12:15 बजे तक। दोपहर 1 से 2:30 बजे तक और शाम को 4:15 से 5:00 बजे तक। 
  • महाराष्ट्र में सुबह 11:00 से 12:30 बजे तक। दोपहर डेढ़ से तीन और शाम को 4:30 से 5:00 तक। 
  • गुजरात में सुबह 11:15 से 12:45 तक। दोपहर को 1:15 से 2:45 एवं शाम को 5 से 5:15 तक। 
  • राजस्थान में सुबह 10:45 से 12:15, दोपहर 12:45 से 2:15 और शाम को 4:30 से 5:00 तक। 
  • पश्चिम बंगाल में सुबह 11 से 12:30, दोपहर एक से ढाई और शाम को 5 से 5:15 तक। 
  • कर्नाटक में सुबह 10:45 से 12:15, दोपहर एक से ढाई और शाम को 4:45 से 5:00 तक। 
  • तमिलनाडु में सुबह 11:15 से 12:45, दोपहर डेढ़ से तीन और शाम को 5 से 5:15 बजे तक। 
  • आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सुबह 11:00 से 12:30, दोपहर 1 से 2:30, शाम को 4:30 से 5:00 तक। 
  • केरल में सुबह 11:30 से 1:00 बजे तक, दोपहर 1:45 से 3:15 और शाम को कोई मुहूर्त नहीं है। 
  • जिन राज्यों के नाम नहीं दिए गए हैं उनमें पड़ोसी राज्यों का मुहूर्त लागू होगा। 

गणेश चतुर्थी वाले दिन क्या होता है

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से 10 दिनों तक चलने वाला गणपति उत्सव अनंत चतुर्दशी तिथि तक चलता है। गणेश चतुर्थी पर घर-घर भगवान गणेश की प्रतिमा का स्थापित किया जाता है। इसके अलावा बड़े-बड़े पांडालों में भी गणेश भगवान की भव्य प्रतिमा का स्थापित कर 10 दिनों तक पूजा-अर्चना का कार्यक्रम चलता है। 

गणेश चतुर्थी पर क्या ना करें

भगवान श्री गणेश के व्रत-पूजन के दौरान तुलसी का प्रयोग वर्जित है, अत: पूजन, प्रसाद बनाते समय या भोग लगाते समय तुलसी न डालें। तामसिक भोजन : यदि आप चतुर्थी व्रत रख रहे हैं तो आज के दिन घर में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल बिलकुल भी न करें। इसके अलावा घर में किसी को भी मांस-मदिरा का सेवन भी न करने दें। 

गणेश चतुर्थी से क्या लाभ है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते हैं उनके घर से नकारात्मकता प्रभाव दूर होता है और घर में शांति, सुख समृद्धि बनी रहती है। 

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