मध्यप्रदेश के राजगढ़ में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री केएस भिलाला ने खिलचीपुर स्टेडियम में आयोजित पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा के आयोजन में 110 शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी। इसके लिए बाकायदा लिखित आदेश जारी कर दिए गए। अब यह मामला तूल पकड़ गया है। DEO का कहना है कि उन्होंने प्रशासन के निर्देश पर ऐसा आदेश जारी किया है। सवाल यह है कि यदि ऐसा ही आदेश जारी करना है तो फिर DEO की क्या जरूरत, कंप्यूटर ऑपरेटर काफी है।
स्कूलों में एडमिशन छोड़ कथा में ड्यूटी कर रहे हैं शिक्षक
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाई जा सकती। इसी प्रकार सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य के अलावा किसी भी प्रकार की गतिविधियों का संचालन नहीं हो सकता। यह जानते हुए भी प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी ने 110 शिक्षकों की ड्यूटी उस समय लगा दी जबकि स्कूलों में एडमिशन का काम चल रहा है। इस साल चुनाव होने के कारण वैसे भी स्कूलों में ठीक प्रकार से पढ़ाई नहीं हो पाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र ने निर्देश जारी किए हैं कि शुरुआती दिनों में अच्छी पढ़ाई कराई जाए।
कर्मचारी संगठनों द्वारा तीखी आलोचना
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेश की कर्मचारी संगठनों द्वारा तीखी आलोचना की जा रही है। सवाल किए जा रहे हैं कि जब राज्य शिक्षा केंद्र और लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से स्पष्ट निर्देश जारी हो चुके हैं तो फिर स्थानीय प्रशासन के कहने पर शिक्षकों की ड्यूटी कैसे लगाई जा सकती है। यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि कलेक्टर को स्कूलों की छुट्टी करने का अधिकार भी स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय की ओर से दिया जाता है।
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