भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की विशेष अदालत ने आठ वर्ष पुराने मामले में फ़ैसला देते हुए वन विभाग हरदा में रेंज अधिकारी के पद पर नियुक्त रहे हरि शंकर गुर्जर और उसकी पत्नी सीमा गुर्जर को तीन-तीन वर्ष के कारावास और पचास पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है यह आदेश विशेष न्यायाधीश डा. धर्मेन्द्र टाडा के न्यायालय ने सुनाया।
एक जनवरी 1988 से 14 जुलाई 2009 तक की हरि शंकर गुर्जर वन विभाग, में रेंज अधिकारी थे। उनके द्वारा पद पर रहते हुए विभिन्न स्रोतों से 42,09,692/- रु आय अर्जित की थी। जबकि 1,28,09,072/- का व्यय किया गया। यह पाया गया कि 85,99,380/- रुपये की राशि उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी, जबकि वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे। लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(ई) और 13(2) के तहत दंडनीय अपराध के लिए अपराध संख्या 41/2009 की प्राथमिकी में दर्ज किया गया था कि वन विभाग में रेंजर के रूप में अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करके अर्जित किया था।
उसकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक आय, जिसका वह संतोषजनक लेखा-जोखा नहीं रख सकता था, इस प्रकार अर्जित आय से अधिक संपत्ति का उपयोग उसके द्वारा अपने नाम पर और अपनी पत्नी के नाम पर भी संपत्ति प्राप्त करने के लिए किया गया था। उसकी पत्नी ने ने भी यह दावा किया की पैसा ब्यूटी पार्लर और हैंडीक्राफ्ट के व्यवसाय से अर्जित किया और इस तरह से अपने पति के अवैध धन को कानूनी आय के रूप में साबित करने का प्रयास किया और इस प्रकार अर्जित संपत्तियों को पेश करके अपराध की आय से जुड़ी गतिविधि में जानबूझकर अपने पति की सहायता की।
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