MPPEB- मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड बंद, कैबिनेट के फैसले पर 7 माह बाद अमल

भोपाल
। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार की मंत्रिपरिषद द्वारा 7 महीने पहले जो फैसला लिया गया था उस पर अमल हो गया है। मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड बंद कर दिया गया है। उसकी जगह पर मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPSEB) का गठन किया गया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जैसे पिछली बार व्यापम का बोर्ड बदलकर MPPEB लिख दिया गया था ठीक उसी प्रकार इस बार भी सिर्फ बोर्ड बदला गया है। 

MPSEB- मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल 

इधर प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि इस बार सिर्फ नाम नहीं बदला है बल्कि नोडल डिपार्टमेंट भी बदल गया है। MPSEB का संचालन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जाएगा। फिलहाल मध्य प्रदेश में सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री के पास है। इंदर सिंह परमार इस डिपार्टमेंट के राज्य मंत्री हैं। यानी अगले 1 साल में यदि MPSEB द्वारा आयोजित परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी हुई तो उसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान और इंदर सिंह परमार टारगेट पर रहेंगे। 

कब और क्यों हुआ था व्यवसायिक परीक्षा मंडल का गठन

इसे संक्षिप्त में समझना जरूरी है। व्यापम का गठन मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल अधिनियम 2007 के तहत किया गया था। इससे पहले तक सरकारी नौकरी में राजनीति का हस्तक्षेप बहुत ज्यादा हुआ करता था। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद सरकारी नौकरी के लिए निष्पक्ष भर्ती परीक्षा के आयोजन के लिए व्यवसायिक परीक्षा मंडल का गठन किया गया था। अधिनियम के तहत व्यापम का एक संचालक मंडल होता था, जो सरकार द्वारा वित्त पोषित होता था परंतु सरकार के अधीन नहीं होता था। 

MPPSC- मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग भी सरकार द्वारा वित्त पोषित है परंतु सरकार के अधीन नहीं है। भर्ती परीक्षा की निष्पक्षता ही व्यापम और एमपीपीएससी के गठन की पहली एवं अंतिम शर्त है।

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