मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित वन विहार नेशनल पार्क में कहने को तो कदम कदम पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं परंतु इनकी निगरानी शायद कोई नहीं करता। राजू नाम का तेंदुआ शाम तक बिल्कुल स्वस्थ था। सुबह उसकी डेड बॉडी मिली। डॉक्टरों का कहना है कि रात में उसे हार्ट अटैक आया था। सवाल यह है कि नेशनल पार्क का मैनेजमेंट क्या कर रहा था।
वन विहार नेशनल पार्क में नर तेंदुआ राजू गुरुवार शाम को स्वस्थ था, लेकिन शुक्रवार को वह बाड़े की हाउसिंग में मृत मिला है। मौत की वजह हार्ट अटैक को बताया गया है। शुक्रवार दोपहर में उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। वह 11 वर्ष का था, उसे वर्ष 2014 में महाराष्ट्र के ब्रम्हापुरी वन मंडल से वन विहार में शिफ्ट किया था। विसरा के नमूने लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए जबलपुर भेजा जाएगा।
वन विहार का मैनेजमेंट बदलने की जरूरत, 2 साल में 6 तेंदुआ की मौत
राजधानी के भोपाल में स्थित वन विहार नेशनल पार्क के मैनेजमेंट को बदल देने की जरूरत है। यदि अभी कड़े कदम नहीं उठाए गए तो वन विहार नेशनल पार्क सिर्फ कुछ पुराने पेड़ों का मैदान रह जाएगा। यहां वन्य प्राणियों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। पिछले 2 साल में 6 तेंदुए की मौत हो गई है। जबकि वन विहार मरणासन्न में वन्य प्राणियों का इलाज करके उन्हें नया जीवन देने वाला नेशनल पार्क कहलाता था।
चारों दिशाओं में मिलो दूर तक यदि कोई वन्य प्राणी गंभीर घायल अथवा बीमार हो जाता था तो उसे वन विहार नेशनल पार्क भेजा जाता था। वन विहार में उसे नया जीवन मिलता था। ऐसे सैकड़ों उदाहरण है परंतु अब लगता है वह कहानियां बन जाएंगे। जानवरों को जिंदगी देने वाला वन विहार जानवरों की कब्रगाह बनता जा रहा है।