कड़की के टाइम अधिकारियों का वेतन रोका जाए, कर्मचारियों का नहीं: हाई कोर्ट - Employees news

नई दिल्ली।
वित्तीय संकट के समय कर्मचारियों के वेतन भुगतान में अवरोध के संबंध में हाई कोर्ट ऑफ़ केरल ने महत्वपूर्ण डिसीजन दिया है। कहा है कि यदि वित्तीय संकट की स्थिति बनती है तो सबसे पहले वरिष्ठ अधिकारियों का वेतन रोका जाए। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वेतन किसी भी स्थिति में रुका नहीं जाना चाहिए। 

केरल का राज्य सड़क परिवहन निगम घाटे में चल रहा है। इसलिए मैनेजमेंट ने कर्मचारियों का वेतन भुगतान रोक दिया। मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद कहा कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन की अत्यंत आवश्यकता होती है। उनका जीवन यापन वेतन पर निर्भर करता है। प्रबंधन की कानूनी जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन उपलब्ध कराएं। 

हाईकोर्ट ने कहा कि यदि वित्तीय संकट की स्थिति बन रही है और खर्चों में कटौती के बाद भी स्थिति पर नियंत्रण नहीं बन रहा है तो सबसे पहले मैनेजमेंट और वरिष्ठ अधिकारियों का वेतन एवं अन्य भुगतान रूप दिए जाने चाहिए। एक आईएएस ऑफिसर का जीवन वेतन पर निर्भर नहीं करता। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि निगम ने व्यवस्था को लागू नहीं किया तो न्यायालय को अधिकारियों का वेतन भुगतान रोकने के आदेश जारी करने पड़ेंगे।

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