BHOPAL NEWS- रवीन्द्र सभागम में कटनी स्टोन की मूर्तियां आकर्षण का केंद्र

Bhopal Samachar
0
भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नवनिर्मित 'रवीन्द्र सभागम' केवल कलाकारों के लिए बड़ा मंच नहीं है बल्कि शहर का एक प्रमुख पर्यटक स्थल भी बन गया है। कटनी स्टोन की मूर्तियां आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। पत्थर पर इस प्रकार की कलाकृति लोगों को अपने-अपने प्रोफेशन में इनोवेशन के लिए इंस्पायर करती हैं। 

वैदिक काल के दार्शनिक गार्गी वाचकन्वी की मूर्ति

मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा "एक जिला-एक उत्पाद" योजना के तहत कटनी स्टोन का कटनी जिले में चयन किया गया है। जिसके चलते कटनी स्टोन को प्रमोट प्रमोट किया जा रहा है। राजधानी के रवीन्द्र सभागम परिसर में आधारशिला में जबलपुर की शिल्पकार सुप्रिया अंबर द्वारा बनाई गई वैदिक काल की महान दार्शनिक गार्गी वाचकन्वी कलाकृति लोगों का ध्यान खींच रही है। अंबर ने आधारशिला के दौरान फीमेल इंडियन फ्लासिफी के रूप में पहला कल्चर अपनी शिल्पकला के माध्यम से उकेरा था। 

माता लक्ष्मी का प्रतीक पत्थर की कौड़ी

इसी तरह से इंदौर के शिल्पकार जगदीश वेगढ़ ने कटनी के पीले स्टोन पर मां लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाने वाली विशाल कौड़ी का निर्माण किया। तमिलनाडू के शिल्पकार डीवी मुरूगन की कल्चर एंड हेरीटेज पर आधारित शिल्प, हंसराज कुमावत की विदइन शिल्प, रवि कुमार की प्यूरिटी ऑफ रीलेशनशिप, रमनदीप की माइंडस्कैप 2 कलाकृति भी परिसर में स्थापित की गई है।

कटनी का सेंड स्टोन स्पेशल है, विदेशों तक में है डिमांड 

कटनी के सेंड स्टोन की प्रदेश स्तर पर ही नहीं बल्कि हिन्दुस्तान के बड़े शहरों सहित विदेशों में भी विशेष डिमांड है। देशभर के बड़े-बड़े शहरों के भवनों, चौराहों, पार्कों, धार्मिक स्थलों की कटनी स्टोन की कलाकृतियां शोभा बढ़ा रही हैं, तो वहीं यूरोपीय देशों में कटनी स्टोन के टाइल्स आदि की डिमांड भी अधिक है। मुलायम होने और कई रंगों में पाए जाने के कारण शिल्पकारों को कटनी का स्टोन बेहद पसंद आ रहा है।

कल्चुरी काल के राजाओं की पसंद था कटनी स्टोन 

कटनी स्टोन का इतिहास काफी पुराना है। इतिहासकारों की माने तो कल्चुरी काल में राजाओं की राजधानी जबलपुर के तेवर में स्थापित थी लेकिन कटनी के बिलहरी व कारीतलाई में उनके शिल्प केन्द्र बने हुए थे। जहां पर कटनी स्टोन पर शिल्पकारी कर उन्हें दूसरे स्थानों पर भेजा जाता था। बिलहरी के पुरातन मंदिर, बावड़ियां, तालाबों में आज भी इस बात के प्रमाण देखने को मिलते हैं और कारीतलाई में भी कल्चुरी काल की ऐतिहासिक कलाकृतियां संरक्षित हैं। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें.
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!