MP KISAN NEWS- 30000 बीघा का मुनाफा, बिना तालाब सिंघाड़े की खेती

ग्वालियर
। धान की फसल में लागत ज्यादा मुनाफा कम है, इसलिए ग्वालियर के किसान धान के बजाय खेत में सिंघाड़े की खेती कर रहे हैं। एक बीघा में ₹30000 तक का मुनाफा हो जाता है। मवेशी नुकसान नहीं पहुंचा पाते। लागत भी कम है। किसानों का कहना है कि सिंघाड़े की खेती के लिए तालाब जरूरी नहीं है। इसके कारण गेहूं की फसल भी अच्छी होती है। 

ग्वालियर की नई पहचान- बिना तालाब सिंघाड़े की खेती

ग्वालियर शहर के नजदीक अकबरपुर क्षेत्र में किसान अपने खेतों में गेहूं के बाद दूसरी फसल धान नहीं लेते, बल्कि उसकी जगह सिंघाड़े की खेती करते हैं। एक बीघा में तक़रीबन 10 से 15 क्विंटल सिंघाड़ा हो जाता है। जिसमे लगभग तीस हजार रुपये तक का मुनाफा होता है। अकबरपुर के लगभग 50 किसान 100 बीघा जमीन में सिंघाड़े की खेती कर रहे हैं। यह संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। आने वाले सालों में ग्वालियर जिला सिंघाड़े की खेती के लिए पहचाना जाएगा।

सिंघाड़े का कचरा, गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद

सिंघाडे की फसल लेने के बाद खेत में से पानी निकाल कर सिंघाड़े की बेल सड़ने के लिए छोड़ दी जाती हैं जो गेहूँ की फसल लेने के लिए कम्पोस्ट का काम करती है। जमीन सूखने पर रोटावेटर चलाकर गेहूँ के लिए जमीन तैयार कर इसमें गेंहू की फसल ली जाती है। इस तरह यंहा के किसान सिघाड़े और गेंहू की फसल लेकर मुनाफा कमा रहे है।

सिंघाड़े की खेती कब करनी चाहिए

किसान बल्लू बाथम बताते है कि सिंघाड़ा जून से दिसंबर के मध्य की फसल है। इसकी खेती के लिए खेतो में लगभग एक से दो फीट तक पानी की आवश्यकता होती है। खेतों में भरे पानी में सिंघाड़े की फसल आसानी से उगाई जा सकती है। हम जून में पौधे की रोपाई करते है और सिंघाड़े की पहली तुड़ाई सिंतबर के महीने में करते हैं। यह आसानी से ओर ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR SAMACHAR पर क्लिक करें. 
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