करंट से घायल युवक को कोरोना बताया, मौत के बाद डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज - BHOPAL NEWS

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भोपाल।
अशोका गार्डन पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाले एक युवक संजय ठाकुर की मौत के मामले में आयुष्मान अस्पताल भोपाल के संचालक सहित तीन डॉक्टरों के खिलाफ इलाज में लापरवाही के लिए आईपीसी की धारा 304 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में चिरायु अस्पताल का मैनेजमेंट भी जांच की जद में है। 

दरअसल, संजय ठाकुर आयुष्मान अस्पताल में काम करते समय करंट से घायल हुआ था। हालत गंभीर होने पर उसे चिरायु अस्पताल में भर्ती किया गया। चिरायु अस्पताल ने अपने रिकॉर्ड में संजय ठाकुर को कोरोनावायरस पॉजिटिव मरीज बताते हुए इलाज किया है।

आयुष्मान अस्पताल में करंट लगने से घायल हुआ था संजय ठाकुर

अशोका गार्डन थाने के विवेचना अधिकारी दिनेश तिवारी ने बताया अशोका गार्डन निवासी 20 वर्षीय संजय ठाकुर 11 नवंबर 2020 को आयुष्मान अस्पताल में बिजली का काम कर रहा था। काम करते समय वह हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गया। इससे उसके दोनों हाथ झुलस गए। अस्पताल प्रबंधन ने संजय और उसके परिजन को भरोसा दिया था कि वह उसका पूरा इलाज कराएंगे। परिजन भी इसके लिए तैयार हो गए। इसी कारण तब उन्होंने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की।

मौत के बाद मां ने भोपाल पुलिस को बताया

एसआई तिवारी ने बताया कि बीच में हम दो-तीन बार युवक को देखने गए थे। तब उसने कहा था कि अस्पताल प्रबंधन के इलाज से संतुष्ट है। हालांकि उसके बाद युवक का कुछ पता नहीं चला। इधर कुछ दिन पहले संजय की मां दुर्गाबाई ने एक आवेदन देकर बताया कि उसकी मौत हो चुकी है। आयुष्मान अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए।

चिरायु अस्पताल में मौत हुई, रिकाॅर्ड में कोरोना संक्रमित बताया

पुलिस ने जब पड़ताल की तो पता चला कि युवक की मौत चिरायु अस्पताल में कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। पुलिस ने मां के दिए आवेदन की जांच के बाद आयुष्मान अस्पताल के संचालक शशि, डाॅक्टर फजल और डॉक्टर शर्मा के खिलाफ 304 ए की धारा में मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

पुलिस बोली- मां के आवेदन पर FIR की, अब विवेचना की जा रही

एसआई तिवारी ने बताया कि मां के शिकायती आवेदन पर अभी एफआईआर की है। अब विवेचना की जाएगी। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि घर वाले युवक के ठीक होने पर उसे अपने साथ ले गए थे। उसके बाद उन्हें जानकारी ही नहीं है कि उसे कहां भर्ती किया गया या उसे क्या समस्या हुई थी। उनके पास परिजन का लिखित स्टेटमेंट भी है कि वे संजय के ठीक होने के बाद उसे अपनी मर्जी से ले जा रहे हैं।

हमने तो करंट का इलाज कराने चिरायु में भर्ती कराया थाः माॅं ने कहा

इधर, मां दुर्गाबाई ने बताया आयुष्मान अस्पताल वालों ने बेटे संजय का ठीक से इलाज नहीं किया। उसकी तकलीफ बढ़ती जा रही थी इसलिए उन्होंने उसे चिरायु अस्पताल में भर्ती किया था। वहां उन्हें उसके साथ नहीं रहने दिया। एक दिन अस्पताल से फोन आया कि संजय की मौत हो गई है। उसकी बॉडी भी नहीं दी। उन्हें केवल एक सर्टिफिकेट दिया है। एसआई तिवारी ने बताया कि मौत का कारण कोरोना बताया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी है।

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