आकृति बिल्डर के खिलाफ 300 शिकायतों में से 55 पर कुर्की के आदेश जारी - BHOPAL NEWS

भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आकृति इको सिटी हो या एक्वा सिटी। आकृति ग्रुप में मकान, फ्लैट लेने वाला हर व्यक्ति परेशान है। इस बिल्डर ने सैकड़ों लोगों से पैसा लेकर उन्हें मकान/फ्लैट का पजेशन न देते हुए दूसरे प्रोजेक्ट में पैसा फंसाने का गोरखधंधा चला रखा है। इसके चलते आम जनता अपने घर का सपना लेकर दर-दर भटक रही है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पाता। 

आकृति बिल्डर के खिलाफ रेरा और कलेक्ट्रेट कार्यालय में करीब 300 से अधिक शिकायतें हो चुकी हैं। इसमें से रेरा ने 55 शिकायतों पर कुर्की के आदेश जारी कर दिए है। वहीं 100 शिकायतों पर सुनवाई के आधार पर वसूली का नोटिस जारी किया गया है। हैरत तो इस बात की है कि इतना सबकुछ होने के बावजूद आकृति बिल्डर्स न तो प्रशासन की सुन रहा है और ना ही लोगों को उनका पैसा लौटाने के लिए तैयार है। सिर्फ बहानेबाजी से प्रशासन और सरकार को गुमराह करने का काम इस ग्रुप के चेयरमैन हेमंत कुमार सोनी व डायरेक्टर राजीव सोनी द्वारा किया जा रहा है।

इधर, खुद जिला प्रशासन को भी आकृति बिल्डर्स से करीब दो करोड़ स्र्पये प्रीमियम और भू-भाटक के रूप में लेना है। इसके लिए तहसीलदार कोलार संतोष मुद्गल ने इन्हें नोटिस जारी किया है। वहीं अलग-अलग शिकायतों के आधार पर रेरा के आदेश के अनुसार 55 व्यक्तियों को 6 करोड़ 31 लाख, 32 हजार स्र्पये की राशि वापस करने का नोटिस थमाया गया है। 

64 से अधिक सीनियर सिटीजन ने अपनी जीवन भर की पूंजी लगाकर मकान बुक किए। एजी8 ग्रुप के चैयरमैन ने 'नेस्ट' के मेंटनेंस व अन्य सभी सुविधाओं के लिए 350 रुपए प्रति वर्गफीट राशि भी मेंटेनेंस के रूप में प्राप्त की थी, जो कि आकृति सीनियर सिटीजन होम्स दी नेस्ट ट्रस्ट के खाते में जमा करानी थी, लेकिन एजी8 के चेयरमैन व डायरेक्टर उस राशि का उपयोग स्वयं कर रहे थे। यह तब था जबकि इस राशि को ट्रस्ट के बैंक खाते में जमा कराकर उसके ब्याज से प्राप्त राशि से सीनियर सिटीजन के लिए बने 'नेस्ट' का मेंटनेंस करना था। इस राशि के जमा न होने से सीनियर सिटीजन के स्वास्थ्य, सुरक्षा, खानपान एवं मूलभूति सुविधाओं के प्रबंधन में कठिनाई हो रही है।

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