अतिथि विद्वान: सर मुंडवाया, अनशन किया, ICU गए, लेकिन मोर्चे पर डटे हैं | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा चुनावों पूर्व अतिथिविद्वानों को दिए गए नियमितीकरण के वचन पर कांग्रेस सरकार स्वयं घिरती नज़र आ रही है। विपक्ष को विधानसभा सत्र के दौरान बैठे बिठाए सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।  भोपाल स्थित शाहजहानी पार्क में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों का धरना प्रदर्शन लगातार 10वें दिन जारी रहा। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कॉलेजों में सहायक प्राध्यापको की भर्ती किये जा से ये समस्या उत्पन्न हुई है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजकद्वय डॉ देवराज सिंह एवं डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार पूर्व में जिन पदों में पिछले 20 वर्षों से अतिथिविद्वान कार्यरत थे, भर्ती होने से पूरे प्रदेश में लगभग 2500 अतिथिविद्वानों को सेवा से फालेन आउट करके बाहर कर दिया गया है। जिससे पूरे प्रदेश में भूचाल सा आ गया है और अतिथिविद्वानों ने भोपाल स्थित शाहजहानी पार्क में आंदोलन का टेंट गाड़ कर अनशन प्रारम्भ कर दिया है। यह अनशन 10 दिनों से चल रहा है।

अतिथि विद्वानों के फालेन आउट होने से उत्पन्न हुई समस्या

अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली की माने तो पूरे प्रदेश के कॉलेजों में कार्यरत अतिथि विद्वानों के सहायक प्राध्यापकों द्वारा कॉलेज जॉइन करने से और अतिथिविद्वानों को कालेज प्राचार्यों द्वारा फालेन आउट करने से सारी समस्या उत्पन्न हुई है। होना यह चाहिए था कि सहायक प्राध्यापकों की जोइनिंग शुरू करने से पूर्व उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व के फालेन आउट संबंधी आदेश की कंडिका 3 को आगामी आदेश तक विलोपित करने संबंधी आदेष जारी कर देना चाहिए था। जिसका वादा विगत 12 अक्टूबर को उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने अतिथि विद्वानों की सभा मे पूरी भोपाल की मीडिया के सामने किया था। डॉ मंसूर अली का कहना है कि सारी समस्या यहीं से शुरू हुई जो आगे चलकर आंदोलन का रूप ले चुकी है। यदि मंत्रीजी वादा अनुसार यह आदेश वेबसाइट में प्रकाशित करवा देते तो सारी समस्या और परेशानी से बचा जा सकता था। 

एक ही पंडाल में रामायण और कुरान का पाठ

अतिथिविद्वान नियमितीकरण  मोर्चा के डॉ जेपीएस चौहान के अनुसार शाहजाहानी पार्क भोपाल में चल रहे अतिथि विद्वानों के आंदोलन में एक अनूठी मिसाल देखने को मिली जब एक ही पंडाल में रामायण और कुरान का पाठ करके ईश्वर से अपने नियमितीकरण की विनती की गई। अतिथिविद्वानों ने पूरे समाज के लिए क़ौमी एकता की मिसाल पेश करते हुए कामलनाथ सरकार से अपनी मांगों को अविलंब पूर्ण करने का विनय किया है। 

सहायक प्राध्यापकों के नवीन पद सृजित नही किये

अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ आशीष पांडेय के अनुसार यदि उच्च शिक्षा विभाग नवीन पदों का सृजन कर देता तो सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के बाद भी कोई भी अतिथि विद्वान सेवा से बाहर नही होता। उल्लेखनीय है कि इसका वादा भी 12 अक्टूबर को मंत्री जीतू पटवारी जी मे किया था। किंतु अन्य वादों के समान यह वादा भी पूरा नही हो सका और एक एक करके 2500 अतिथिविद्वान सेवा से बाहर हो गए।

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