इंटरनेशनल न्यूज़ डेस्क। तुर्की देश के 1200 साल पुराने हसनकीफ शहर में 609 साल पुरानी मस्जिद को पहियों पर चलते हुए देखा गया। इस नजारे को देखने के लिए हजारों लोग मौजूद थे। यह एक अद्भुत नजारा था। सैकड़ों साल पुरानी इमारत को किस तरह बिना नुकसान पहुंचाए जमीन से उठा कर पहियों के प्लेटफार्म पर रखा जाता है।
करीब 1700 टन वजन की इस इमारत को हसनकीफ नाम के शहर से हटाना जरूरी हो गया है क्योंकि वहां एक नया बांध बनने की वजह इलाके में बाढ़ आने का खतरा है। इससे बचने के लिए इस मस्जिद को शिफ्ट किया गया है। हसनकीफ में सबसे बड़ी इस मस्जिद को राज्य हाइड्रोलिक वर्क्स और सांस्कृतिक संपदा एवं संग्रहालय के जनरल डायरेक्टरेट की देखरेख में मंच पर टुकड़े-टुकड़े करके टिग्रिस नदी के किनारे ले जाया गया है, जहां इसे फिर से जोड़ा जाएगा। दरअसल, तुर्की का यह ऐतिहासिक शहर हसनकीफ जल्द ही जलमग्न होने जा रहा है। इलिसु बांध बनाए जाने की वजह से 12 हजार साल पुराना शहर पानी में डूब जाएगा।
हजारों की आबादी वाला यह प्राचीन शहर अब वीरान हो गया है। बताया जा रहा है कि बांध बनाए जाने के कारण 80 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो जाएंगे। दक्षिणी तुर्की में टिग्रिस नदी के तट पर बसा यह शहर मेसोपोटामिया की सबसे पुरानी बस्तियों में एक है। बिजली उत्पादन के लिए इलिसु बांध के निर्माण किया गया है, हो बनने के बाद तुर्की का चौथा सबसे बड़ा बांध होगा।
यह परियोजना बीते कई सालों से विवादों में घिरी है और प्राचीन शहर को बचाने के लिए इसका काफी विरोध भी हुआ था। मगर, अब बांध बन जाने के बाद इस मस्जिद के अलावा शहर की अन्य ऐतिहासिक धरोहरों को भी शहर से बाहर किसी सुरक्षित जगह पर ले जाने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि छह इमारतों को पहले ही स्थानांतरित कर दिया गया है। इसमें आर्तुकुलु हमाम (स्नानघर), सुल्तान सुलेमान कोक मस्जिद, इमाम अब्दुल्ला जावियाह, जेनेल अबिदीन मौसोलुम और अयूबी मस्जिद शामिल हैं।