मप्र की पहली आयुर्वेद लैब शुरू, 15 साल पहले शुरू होनी थी | GWALIOR NEWS

NEWS ROOM
ग्वालियर। मप्र की पहली फार्मेसी आयुर्वेद कॉलेज के बाहर स्थित है। यहां आयुर्वेद की सभी तरह की औषधियां बनती हैं। इनकी जांच अभी गाजियाबाद की लैब से कराई जाती थी। इसके लिए प्रत्येक सैंपल के 2 हजार रुपए खर्च करने पड़ते थे। लेकिन अब आयुर्वेद व यूनानी दवाओं की गुणवत्ता की जांच आयुर्वेद कॉलेज परिसर में बनी प्रदेश की पहली शासकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में हो सकेगी। 

लैब पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी हैं। सभी जांच के उपकरण लग चुके हैं। इसका विधिवत उद्घाटन चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने शुक्रवार को किया। मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्ष 2003 में प्रयोगशाला का भवन बनकर तैयार हो गया था। यह लैब 15 साल पहले शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस सरकार जाने के बाद 15 साल तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही। इस सरकार ने लैब की शुरुआत नहीं की। अब 15 साल बाद आयुर्वेद और यूनानी दवाओं की गुणवत्ता की जांच लैब में हो सकेगी। यह प्रदेश की पहली लैब है।

इससे ऐसी औषधियों की गुणवत्ता को परखना आसान हो गया है। 22 तरह की दवाओं के कंटेंट की जांच हो सकेगी। यहां आयुर्वेद फार्मेसी में बनने वाली दवाओं के साथ निजी मेडिकल स्टोर में मिलने वाली औषधियों की जांच होगी। हालांकि अभी लैब का उद्घाटन हुआ है, लेकिन जांच की दर अभी आयुष विभाग ने निर्धारित नहीं की है। यह निर्धारित हाेने के बाद जांचेें लैब में होंगी। मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद को मेडिकल टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। इस दिशा में पंचकर्म और शिरोधार्य उपचार की आयुर्वेद पद्धति को और बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक मुन्नालाल गोयल ने की। 

इस दौरान विधायक ने मंत्री से आयुर्वेद की एक विंग और शुरू करने की मांग की। इस दौरान विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि प्रदेश सभी जिलों में आयुर्वेद के 30 बिस्तर वाले अस्पताल की व्यवस्था की गई है। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव शिखा दुबे, आयुष विभाग के आयुक्त संजीव कुमार झा ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। आभार कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. महेश शर्मा ने व्यक्त किया।

प्रयोगशाला में आयुर्वेद की एकल एवं मिश्रित औषधि चूर्ण, क्वाॅथ, बटी, रस, भस्म, पिष्टी और लेप आदि का परीक्षण एवं विश्लेषण भारत सरकार द्वारा निर्धारित औषधि मानक के आधार पर किया जाएगा। औषधि परीक्षण द्वारा आयुर्वेदिक कच्ची औषधि एवं निर्मित औषधि की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे जनता को बेहतर गुणवत्ता वाली औषधियां मिल सकेंगी।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!