भोपाल। सरकारी स्कूलों में कमजोर यानी तिमाही परीक्षा में डी और ई ग्रेड लाने वाले बच्चों के शैक्षिक स्तर सुधारने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नया तरीका अपनाया है। स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए रेमेडियल कक्षाएं लगाई जाएंगी। ये कक्षाएं 5 अक्टूबर 2019 से 31 जनवरी 2020 तक किया जाएगा । इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने निर्देश जारी किया है। पिछले साल के तिमाही परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर कक्षाएं लगाने के लिए समय-सारणी जारी की गई है।
प्रदेश के करीब 13 हजार स्कूलों में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (National secondary education campaign) की ओर से हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में रेमेडियल कक्षाएं (Remedial class) लगाई जाएंगी। इसके लिए शिक्षकों को प्रति विद्यार्थी के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। वहीं अभी हाल में सभी कक्षाओं की हुई तिमाही परीक्षा के परिणाम को विभाग ने दो दिन में पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा है। इसमें खासतौर पर 9वीं से 12वीं कक्षा के विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषय के लिए कक्षाएं लगाई जाएंगी।
9वीं व 10वीं में डी व ई ग्रेड में 50 प्रतिशत बच्चे
विभाग द्वारा जारी किए गए पिछले साल के तिमाही परीक्षा में 9वीं से 10वीं के 50 प्रतिशत बच्चे डी व ई ग्रेड में आए थे। वहीं 11वीं व 12वीं कक्षा में करीब 35 फीसदी बच्चों को डी व ई ग्रेड मिला था। ऐसे में 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए रेमेडियल कक्षाएं शुरू की जाएगी।
ग्रेड के आधार पर बनेंगे सेक्शन
स्कूलों से कहा गया है कि तिमाही परीक्षाओं में विद्यार्थियों के ग्रेड के आधार पर सेक्शन बनाए जाए। ऐसे स्कूल जहां एक से अधिक सेक्शन हैं, वहां डी व ई ग्रेड के विद्यार्थियों के लिए अलग से सेक्शन बनाया जाए, ताकि उनके स्तर के अनुरूप पठन-पाठन हो सके। 80 मिनट की कक्षाएं लगाई जाएंगी।
शिक्षक नहीं हैं तो पास के स्कूलों से लें मदद
इस निर्देश में कहा गया है कि ऐसे स्कूल जहां किसी विषय के शिक्षक नहीं हैं तो पास के स्कूलों के संबंधित विषय के शिक्षक की मदद लें। निकट के दो स्कूल आपस में शिक्षकों की साझेदारी कर कक्षाएं लगा सकते हैं।