किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य-स्तरीय समिति गठित करेंगे: कमलनाथ | MP NEWS

मनोज पाठक/भोपाल। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य-स्तरीय समिति का गठन करने की घोषणा की है। यह समिति सरकार और किसानों के बीच समन्वय का काम करेगी। उन्होंने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अमल की समस्याओं के समाधान के लिए जिला-स्तर पर अपील कमेटी भी गठित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज समन्वय भवन में भारतीय किसान मजदूर महासंघ के सभी 50 जिलों से आए किसान प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद की। मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद भारतीय किसान मजदूर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री देव नारायण पटेल ने 1 जून से प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। बैठक में किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने किसान प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश में 65 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर समस्या का समाधान त्वरित गति से तत्परता के साथ हो। उन्होंने कहा कि शासन का मानना है कि जब तक कृषि क्षेत्र में खुशहाली नहीं होगी तब तक हम प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था को मजबूत नहीं बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की क्रय शक्ति बढ़ने से ही प्रदेश की तरक्की संभव है। प्रदेश में व्यवसाय विशेषकर छोटे-छोटे व्यवसाय कृषि पर आधारित हैं। किसान कर्ज मुक्त रहे और उनकी क्रय शक्ति बढ़े, इस दिशा में ऋण माफी हमारा पहला कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋण माफी को लेकर कुप्रचार किया गया लेकिन हम उसकी परवाह नहीं करते। हमारी चिंता यह है कि किसानों की ऋण माफी वचन पत्र के मुताबिक हो और हर पात्र किसान को इसका लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋण माफी की प्रक्रिया में जो व्यवहारिक कठिनाइयाँ आई हैं और किसानों के बीच इसको लेकर जो भ्रम हैं, उसे दूर करने के लिए शासन तत्पर है। उन्होंने कहा कि किसान ऋण माफी में जिन किसानों को दिक्कत महसूस हो रही है वे कृषि मंत्री को अपनी समस्या, सुझाव और उसके समाधान संबंधी जानकारी दे दें, सरकार के स्तर पर समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में 'कर्ज में किसान का जन्म होता है और कर्ज में ही उसकी मृत्यु' की धारणा को मिटा देना चाहती है।

मुख्यमंत्री ने सब्जी, फल और दूध उत्पादक किसानों की समस्याओं के समाधान में विशेष दिलचस्पी दिखाते हुए कहा कि इस संबंध में शासन स्तर पर एक अलग से बैठक होगी जिसमें वे स्वयं उपस्थित रहकर फल, सब्जी और दूध उत्पादक किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋण माफी की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण उल्लेखनीय पहल सरकार ने यह की है कि जिन किसानों का दो लाख से अधिक फसल ऋण है उसमें दो लाख तक का ऋण तो सरकार की योजना के तहत माफ होगा। शेष ऋण राशि का 50 प्रतिशत अगर किसान जमा करता है तो उसका बाकी का 50 प्रतिशत ऋण माफ हो जाएगा। इस संबंध में सरकार की बैंकों से बात हो चुकी है।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने का है। इसमें सभी किसानों के साथ भारत सरकार के सहयोग की दरकार है।

भारतीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ किसानों से संवाद की पहल करने वाले पहले मुख्यमंत्री है। उन्होंने कहा कि जब श्री कमल नाथ केन्द्रीय मंत्री थे तो उन्होंने भारतीय किसानों के हितों में संरक्षण के लिए डब्ल्यू.टी.ओ. जैसे वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता के साथ लड़ाई लड़ी, जिससे गेहूँ, चना, कपास सहित कई उपजों का आयात तो रुका ही भारतीय किसानों की उपज का निर्यात भी संभव हो पाया। उन्होंने किसानों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी माँग बहुप्रतीक्षित है।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री देव नारायण पटेल ने किसानों के प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के साथ हुई चर्चा को संवाद का सार्थक प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि महासंघ की पहली प्राथमिकता चर्चा के जरिए किसानों की समस्याओं का समाधान है। इस दिशा में कमल नाथ सरकार ने जो पहल की है वह स्वागत योग्य है। चर्चा के बाद हमें यह विश्वास हुआ है कि सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर और संवेदनशील है। उन्होंने 1 जून से प्रस्तावित हड़ताल वापिस लेने की घोषणा भी की।

बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एम. गोपाल रेड्डी, प्रमुख सचिव किसान-कल्याण एवं कृषि विकास तथा सहकारिता श्री अजीत केसरी, प्रमुख सचिव उद्योग एवं जनसंपर्क श्री राजेश राजौरा एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !