EVM पर नहीं EVM जिनके हाथ में है उन पर संदेह: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त | INDORE MP NEWS

इंदौर। देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत शुक्रवार को इंदौर में है। मीडिया से चर्चा में रावत ने कहा कि चुनाव में उपयोग की जा रही ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर संदेह नहीं है लेकिन ईवीएम जिन कर्मचारियों के हाथों में रहती है उनकी विश्वसनीयता पर अवश्य संदेह है। संदेह की वजह भी है क्योंकि ऐसा पहले हो चुका है।

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त रावत ने कहा कि सारे विश्व मे लोग ईवीएम की तारीफ करते हैं, बावजूद उसके हमारे यहां पार्टियां ईवीएम पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है। इसका कारण यह है कि ईवीएम जिनके हाथों में है उनकी विश्वसनीयता पर विश्वास करना मुश्किल है। वे लोग उसका कैसा इस्तेमाल करें यह कहा नहीं जा सकता। ऐसा पहले हुआ भी है, मणीपुर राज्य के चुनाव में। उस समय मणीपुर के एक बूथ पर मतदान हो रहा था तभी वहां एक सज्जन आए, उन्हें देखकर वहां तैनात पुलिस कर्मचारियों ने उन्हें सैल्युट किया। वह सज्जन बूथ के अंदर चले गए। बूथ के अंदर तैनात सरकारी कर्मचारी भी उन्हें देखकर खड़े हो गए। उस सज्जन ने मतदाता को अंदर बुलाया, उसकी उंगली पर अमिट स्याही लगवाई और उसका वोट खुद डाल दिया। इसके बाद वह हर मतदाता के साथ यहीं करने लगे। उस समय चुनाव आयोग वेब कॉस्ट के द्वारा बूथ की गतिविधियों को लाइव देख रहा था।

आयोग ने वहां के अधिकारियों को फोन किया और तुरंत गड़बड़ी रोकने के आदेश दिए। लगभग एक घंटे बाद अधिकारियों की टीम उस बूथ पर पहुंची और पुराने सभी वोट रद्द कर सामान्य मतदान प्रारंभ कराया। उन्होंने कहा कि यदि आयोग निगरानी नहीं रखता तो ईवीएम पर ही आरोप लगता की उसमें गड़बड़ थी ओर एक तरफा मतदान हुआ। अत: ईवीएम की निष्पक्षता के लिए यह आवश्यक है कि वह जिन हाथों में हैं वह निष्पक्ष रहे।

इसके अलावा रावत ने कहा कि आम चुनावों में धन का दुरुपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। तामिलनाडु में पिछले चुनाव के दौरान तीन ट्रक भरकर करेंसी पकड़ी गई थी जो की लगभग 570 करोड़ रुपए थी। वहीं राजनीतिक पार्टी के नेताओ द्वारा चुनाव आयोग पर आरोप को लेकर कहा कि राजनीतिक लोग इलेक्शन कमीशन को पंचिंग बेग की तरह इस्तेमाल कर रहे है।

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