KAMAL NATH ने कहा: बागियों को मनाओ, दलबदलुओं को बुलाओ | MP NEWS

भोपाल। लोकसभा चुनाव (LOK SABHA ELECTION ) की तैयारियों में जुटे सीएम (CM ) एवं प्रदेश कांग्रेस (CONGRESS ) अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा है कि वो सभी बागियों से बात करके उन्हे वापस कांग्रेस में काम करने के लिए मनाएं। इतना ही नहीं बसपा, सपा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (BSP, SP, Gondwana Gantantra Party) या अन्य पार्टियों के ऐसे नेता जिनके पास वोटबैंक है, उन्हे भी तोड़कर कांग्रेस में शामिल करें। 

बागियों के कारण विधानसभा में 40 सीटों का नुक्सान हुआ

कमल नाथ ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस के पार्टी पदाधिकारियों से संगठन की मजबूती लेकर 1 घंटे तक चर्चा की और लोकसभा चुनाव में हर हालत में जीत दर्ज कराने की बात कही। चर्चा के दौरान नाथ का विधानसभा चुनाव के नतीजों का दर्द झलक उठा, जिसमें कांग्रेस को 150 सीटें मिलने की पूरी उम्मीद थी। किंतु पार्टी से टिकट न मिलने से बागी होकर चुनाव लड़े प्रत्याशियों ने कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाया जिससे चुनाव नतीजों में कांग्रेस 114 सीटों पर सिमट कर रह गई। पार्टी के सर्वे में यह बात सामने आई कि उसे बागियों की वजह से करीब 40 सीटों पर नुकसान हुआ और जिससे पार्टी के प्रत्याशी जीत नहीं पाए।

4 सीटें सिंधिया (SCINDIA) के सहारे

विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल में डैमेज कंट्रोल करने की जिम्मेदारी स्वयं सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (MP Jyotiraditya Scindia) ने संभाली जिससे पार्टी को 34 में से 26 सीटों पर फतह मिली। विधानसभा चुनाव के ये परिणाम लोकसभा चुनाव के नतीजों में परिवर्तित होते हैं तो पार्टी को इस अंचल की चारों सीटें गुना-शिवपुरी, मुरैना, ग्वालियर और भिंड सीट पर जीत पक्की लग रही है।

उज्जैन (Ujjain) में बागियों ने बड़ा नुक्सान पहुंचाया

पार्टी को मालवा निमाड़ में बड़ा नुकसान उज्जैन लोकसभा में हुआ, जहां माया त्रिवेदी, राजेंद्र वशिष्ठ पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़े और दोनों सीटें भाजपा जीत गई। इसी तरह महिदपुर सीट पर भी कांग्रेस के बागी दिनेश जैन बोस को जनता का खासा समर्थन मिला।

जिस मंदसौर (Mandsaur) को मुद्दा बनाया था, वहां भी बागियों ने धूल चटा दी

मंदसौर लोकसभा सीट पर भी पार्टी के बागियों ने पार्टी को खासा नुकसान पहुंचाया। इस लोकसभा सीट पर पार्टी नए सिरे से जीत के समीकरण बिठा रही है। इस लोकसभा में आने वाली 8 सीटों में से सिर्फ कांग्रेस सुवासरा सीट ही 350 वोटों से जीत पाई। बाकी सात सीटों पर उसे मुंह की खाना पड़ा। जावद से निर्दलीय चुनाव लड़े समंदर पटेल पार्टी प्रत्याशी पर भारी रहे, हालाकि वे चुनाव हार गए।

खंडवा लोकसभा (Khandwa Lok Sabha) में भी बागी ही भारी

खंडवा लोकसभा से तहत आने वाली सिर्फ तीन सीटों पर ही पार्टी प्रत्याशी झूमा सोलंकी, सचिन बिड़ला और नारायण सिंह पटेल को जीत मिली। इनमें पार्टी की बागी रूपाली बारे के निर्दलीय मैदान में उतरने से पार्टी को नुकसान पहुंचा। इसी तरह बुरहानपुर से तो पार्टी के निर्दलीय सुरेंद्र सिंह ठाकुर (Surendra Singh Thakur) ने मंत्री अर्चना चिटनिस (Archana Chitnis) को हराकर चुनाव जीता। इस लोकसभा सीट पर डैमेज कंट्रोल करने की जिम्मेदारी पार्टी पदाधिकारियों को सौंपी गई है।

रीवा, सतना, सीधी (Rewa, Satna, Sidhi ) में कांग्रेस काफी कमजोर

रीवा लोकसभा सीट की आठों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को हार मिली। इस सीट के बारे में पार्टी मंथन करे। सतना लोकसभा के अंतर्गत आने वाली दो सीटों पर ही कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह और नीलांशु चतुर्वेदी जीते। बाकी सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा। सीधी लोकसभा सीट से सिंहावल से पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल जीते। इस लोकसभा के तहत आने वाली बाकी सीटें भाजपा ने जीती।

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