KAMAL NATH सरकार ने 52 में से 39 एसपी बदले: RAVINDRA KAILASIA की रिपोर्ट | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के 77 दिन पूरे हो गए हैं। इस बीच सीएम कमलनाथ ने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए बताया कि उन्होंने मात्र 77 दिनों में जनता के हित में कितना काम किया। इधर भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार श्री रवींद्र कैलासिया ने बताया कि कमलनाथ सरकार ने इतने कम दिनों में मप्र के 52 जिलों में से 39 जिलों के पुलिस अधीक्षक बदल दिए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस अधीक्षकों को कानून और व्यवस्था की स्थिति में लापरवाही, भाजपा के प्रति​ विशेष स्नेह या किसी गंभीर आरोप के बाद नहीं हटाया बल्कि कई ऐसी बातों पर बदल दिया गया जिन्हे जानकर हरकोई चौंक जाएगा। 

पत्रकार श्री रवींद्र कैलासिया कुछ जिलों के एसपी तो महज इसलिए हटा दिए गए क्योंकि उन्होंने कांग्रेस नेताओं और उनके परिचितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर दी गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले से हटाए गए कप्तान को तो करीब ढाई महीने बाद भी पुलिस मुख्यालय में कोई काम ही नहीं सौंपा गया है। उन्हे एक प्रकार से अपमानित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से भोपाल और इंदौर में एसएसपी सिस्टम है जहां वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों की पदस्थापना की जाती है। कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री कमलनाथ के 17 दिसंबर को शपथ लेने के बाद सबसे पहले छिंदवाड़ा एसपी अतुल सिंह को 20 दिसंबर को हटाया गया।

अतुल सिंह को पुलिस मुख्यालय में पदस्थापना दी गई थी लेकिन उन्हें आज भी कोई काम नहीं दिया गया है। 20 दिसंबर से अब तक प्रदेश के 52 जिलों में से 39 के एसपी बदले जा चुके हैं। इनमें भोपाल और इंदौर के डीआईजी कप्तान भी हटा दिए गए। इंदौर में एक रिटायर्ड आईएएस की पुत्री पुलिस अधीक्षक स्तर की अधिकारी को एसएसपी बनाकर भेजा गया तो भोपाल में डीआईजी इरशाद वली को ही कमान दी गई।

विधायक पुत्र पर FIR के कारण एसपी को हटा दिया
जिन 37 जिलों के एसपी को हटाया गया, उनमें मुरैना के रियाज इकबाल भी शामिल हैं। बताया जाता है कि उन्होंने टोल नाके पर फायरिंग करने वाले कांग्रेस विधायक ऐदल सिंह कंसाना पुत्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद ही वे हटा दिए गए। इसी तरह मंदसौर एसपी रहे टीके विद्यार्थी को एक नेता के शराब से भरे ट्रक को पकड़ने पर उनकी नाराजगी झेलना पड़ी। वे 33 दिन ही मंदसौर एसपी रह पाए और पीएचक्यू भेज दिए गए।

गौ रक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सख्त कार्रवाई करने वाले आगर मालवा एसपी मनोज सिंह ने जब पशुक्रूरता अधिनियम में कार्रवाई कर दी तो कुछ दिन में वे वहां से हटा दिए गए। इसी तरह राजगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग द्वारा भेजे गए प्रशांत खरे को चार महीने में ही राजगढ़ से हटाकर पीएचक्यू भेज दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनके स्थान पर प्रदीप शर्मा की पदस्थापना कराई है। शर्मा-सिंह के परिवार के घनिष्ठ संबंध हैं।

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