बच्ची के रेप के दोषी की फांसी की सजा पर SC ने लगाई रोक | NATIONAL NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश शहडोल जिले में 4 साल की बच्ची के रेप के दोषी विनोद को शहडोल की निचली अदालत ने इसी साल 28 फ़रवरी को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके ख़िलाफ़ विनोद ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जबलपुर हाईकोर्ट ने इसे विरल से विरलतम अपराध करार देते हुए फांसी की सजा बरकरार रखी थी। विनोद की फांसी की सज़ा पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। 

सरकार ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब 

कोर्ट ने दोषी विनोद की याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसी साल 9 अगस्त को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दोषी विनोद की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। विनोद ने 13 मई 2017 को 4 साल की बच्ची के साथ रेप किया था और बाद में उसकी हत्या कर थी। इसी साल मध्य प्रदेश सरकार ने 12 साल से कम उम्र की मासूम से रेप पर फांसी की सजा देने का कानून पारित किया था। इसके बाद से रेप के आरोपियों को कटनी में पांच दिन, सागर में 46 दिन और ग्वालियर में 33 दिन में फास्ट ट्रैक कोर्ट फांसी की सजा सुना चुकी हैं। 

पिछले महीने मंदसौर में 8 साल की बच्ची के रेप के मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने दोनों ही आरोपियों को इस मामले में मौत की सजा सुनाई थी। मामला 26 जून का है जब इरफान और आसिफ नाम के दो लोगों ने स्कूल से बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था और उसकी हत्या की कोशिश भी की थी। कोर्ट ने इस मामले में मात्र 56 दिनों में ट्रायल पूरा कर आरोपियों की सजा सुनाई थी। 
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