सपाक्स नेता सांसद को काले झंडे दिखाने गए थे, चाय-नाश्ता करके लौट आए | GWALIOR MP NEWS

ग्वालियर। ग्वालियर में सपाक्स की हालत बेहद खराब है। यहां विरोध प्रदर्शन नहीं होता बल्कि प्रतीकात्मक खानापूर्ति की जाती है। 2 सितम्बर को मंत्री को काले झंडे तक नहीं दिखा पाए थे। एक बार फिर ऐसा ही कुछ देखने को मिला। इस बार सांसद को काले झंडे दिखाने उनके घर गए थे और कुछ ही देर बाद सांसद के रंग में रंग गए। चाय नाश्ता करके वापस लौट आए। उन्होंने सांसद से जवाब ही नहीं लिया कि अध्यादेश जब पेश हुआ तो उन्होंने इसका विरोध क्यों नहीं किया। 

2 सितम्बर को क्या हुआ था
ग्वालियर में रविवार 2 सितम्बर को सपाक्स के नेताओं ने प्रदेश की नगरीय विकास और आवास मंत्री माया सिंह का घेराव करने और काले झंडे दिखाने का कार्यक्रम तय किया परंतु जिस तरह से अशोकनगर, गुना और मुरैना में छापामार प्रदर्शन हुए, सपाक्स के लोग नहीं कर पाए। उन्होंने मंत्री के आने से पहले ही पुलिस के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने सबको हिरासत में लिया और प्रदर्शन बिफल कर दिया गया। दरअसल यह राजनीति की एक ट्रिक है। जब दिखावे के लिए प्रदर्शन करना होता है तो पुलिस अधिकारियों से फिक्स करके इस तरह से प्रदर्शन किए जाते हैं। ऐसे प्रदर्शन करने पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं होता और जनता को लगता है कि नेता उनके अधिकारों के लिए लड़ रहा है। 

9 सितम्बर को क्या हुआ
मुरैना से भाजपा सांसद अनूप मिश्रा के सिंधी कॉलोनी ग्वालियर स्थित निवास पर सपाक्स के नेताओं का एक दल काले झंडे दिखाने और उनका घेराव करने गया था। यहां पहुंचकर उन्होंने प्रदर्शन भी शुरू किया परंतु कुछ देर बाद सांसद सामने आए और प्रदर्शनकारी नेता सांसद मिश्रा के पीछे पीछे चलने लगे। पलक झपकते ही माहौल दोस्ताना था। चाय नाश्ता चलने लगा। 

सांसदों से क्यों नाराज है समाज
दरअसल, यह घेराव कार्यक्रम सवर्ण समाज का है जिसमें सपाक्स भी शामिल हैं। एससी एसटी एक्ट के दायरे में आने वाली सभी जातियों के संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। वो अपनी जाति के सांसदों का घेराव कर रहे हैं और सवाल कर रहे हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करने वाला अध्यादेश संसद में आया था तब उन्होंने विरोध क्यों नहीं किया। 
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