शिक्षक भर्ती: अब राज्यमंत्री ने कहा 70 हजार पद, कहीं चुनावी जुमला तो नहीं होगी शिक्षक भर्ती | MP NEWS

मप्र शिक्षक भर्ती
भोपाल। मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के साथ सरकारी मजाक का सिलसिला जारी है। 2011 के बाद से अब तक भर्तियां नहीं हुईं थीं। सीएम शिवराज सिंह ने 2013 के चुनाव में हर साल भर्ती कराने का ऐलान किया था लेकिन उनका डमरू नहीं बजा और आज तक भर्तियां नहीं हुईं। पिछले दिनों सीएम ने अगस्त में भर्ती कराने को कहा था। रिक्त पद 60 हजार बताए थे। बीते रोज शिक्षामंत्री विजय शाह ने सितम्बर से भर्ती कराने को कहा और रिक्त पद 64 हजार बताए। आज राज्यमंत्री शिक्षा विभाग दीपक जोशी ने 70 हजार रिक्त पद बताए हैं। कुल मिलाकर सरकार को अब तक पता ही नहीं है कि रिक्त पदों की संख्या क्या है। 

कहीं चुनावी जुमला तो नहीं होगी शिक्षक भर्ती
सरकारी नौकरियों के मामले में मप्र शासन का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड परीक्षा की तारीख घोषित करने वाली ऐजेंसी बनकर रह गया है। पिछले 5 सालों में ऐसी कई परीक्षाएं हुईं जिनके परिणाम ही जारी नहीं हुए। सर्वेक्षण सहायक के परिणाम जारी हुए लेकिन आज तक नियुक्तियां नहीं हुईं। शिक्षक भर्ती भी सितम्बर से शुरू होने जा रही है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में आचार संहिता लग जाएगी। मतदान से पहले शिक्षक भर्ती के परिणाम नहीं आएंगे। कहीं यह भर्ती भी चुनावी जुमला तो नहीं जो बाद में रद्द हो जाएगी। 

2011 में चुनाव से पहले हुई थी संविदा शिक्षकों की भर्ती 
लम्बे इंतजार के बाद 2011 में विधानसभा चुनाव के पहले भी प्रदेश सरकार ने संविदा शिक्षकों की भर्ती की थी। जब सवाल उठे तो शिवराज सिंह ने ऐलान किया कि अब हर साल भर्ती होगी परंतु 5 साल में एक भी भर्ती नहीं हुई। एक बार फिर उम्मीदवारों को बहलाने की साजिश शुरू की गई है। भर्तियां शिक्षण सत्र से पहले हो जानी चाहिए थीं परंतु अब तक रिक्त पदों की संख्या ही तय नहीं हो पाई है। 
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