मप्र के चायवाले की बेटी अब आतंकियों के ठिकाने तबाह करेगी

भोपाल। यदि गुजरात का चायवाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो मप्र के चायवाले भी कम नहीं है। नीमच में चाय की दुकान चलाने वाले सुरेश गंगवाल की बेटी आंचल गंगवाल 24 अब फाइटर प्लेन उड़ाएगी। जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकवादियों के ठिकाने तबाह करके आएगी। बता दें कि रीवा की अवनि चतुर्वेदी मप्र की पहली फाइटर पायलट हैं और आंचल मप्र की दूसरी एसी बेटी है जो मप्र का गौरव बन गई। देश भर से आंचल को बधाईयां दी जा रही है। 

27273 प्रतिस्पर्धियों को हराकर जीती है आंचल

एयरफोर्स की फ्लाइंग ब्रांच में सिर्फ 22 पदों के लिए होने वाले कॉमन एडमिशन टेस्ट में देशभर से करीब 6 लाख युवा शामिल हुए। यानी प्रत्येक के हिस्से में औसत 27272 से ज्यादा प्रतिस्पर्धी थे।  चुने गए 22 परीक्षार्थियों में 5 लड़कियां हैं। इनमें भी नीमच की आंचल मध्यप्रदेश से चयनित होने वाली एकमात्र उम्मीदवार हैं। सेना के कामों से प्रभावित आंचल लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़कर 30 जून को एक साल की ट्रेनिंग के लिए जाएंगी। इसके बाद वे भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान उड़ाएंगी। आंचल ने इस टेस्ट की तैयारी इंदौर में रहकर की है।

बाढ़ में सेना का काम देखकर चुना यह करियर

आंचल बताती हैं कि जब 12वीं की पढ़ाई कर रही थी, तब उत्तराखंड में बाढ़ आई थी। उस दौरान सेना ने जिस साहस से लोगों की जान बचाई, तभी से तय कर लिया कि वे भी कुछ ऐसा ही करेंगी। ग्रेजुएशन के दौरान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। इस दौरान व्यापमं के जरिये लेबर इंस्पेक्टर के रूप में सिलेक्शन हुआ। फिलहाल मंदसौर में लेबर इंस्पेक्टर के तौर पर काम कर रही हूं। आंचल परिवार में पहली लड़की हैं, जो सुरक्षा सेवाओं में जाएंगी।

5 बार फेल हुई, 6वीं बार ​में मिली जीत

आंचल ने पांच बार एसएसबी इंटरव्यू फेस किया, लेकिन कामयाबी छठी बार में मिली। पांच दिन तक चलने वाले इंटरव्यू में स्क्रीनिंग के बाद साइकोलॉजिकल टेस्ट और ग्राउंड टेस्ट के साथ पर्सनल इंटरव्यू होता है। प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क, कमांड टास्क, सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट के जरिये फिजिकल और मेंटल स्ट्रेंथ भी परखी जाती है। अंत में मेडिकल होता है।

रीवा की अवनि देश की पहली महिला लड़ाकू पायलट

देश की पहली महिला लड़ाकू पायलट मध्यप्रदेश से ही है। रीवा की अवनि चतुर्वेदी ने 19 फरवरी 2018 को जामनगर एयरबेस से अकेले ही मिग-21 से उड़ान भरकर यह इतिहास रचा था। अवनि को जून 2016 में वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रन में शामिल किया गया। उनके साथ राजस्थान की मोहना सिंह, बिहार की भावना कंठ को भी पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया।
देश और मध्यप्रदेश की बड़ी खबरें MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !