
रिफरेंस दिए गए लोग उलटा पूछते थे- हमारा नाम क्यों दिया गया
रीजनल पासपोर्ट अधिकारी रश्मि बघेल ने बताया कि जब पुलिस रिफरेंस दिए गए लोगों से पूछताछ करती थी, तो वे मना कर देते थे कि उन्हें कोई जानकारी ही नहीं है। उनका नाम क्यों दिया गया, पता नहीं। इससे पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट एडवर्स आ जाती थी।
बघेल बताया कि विभाग द्वारा एडवर्स रिपोर्ट के विश्लेषण में यह तथ्य उभरकर आया कि कई बार आवेदक रिफरेंस दिए गए व्यक्तियों से बातचीत किए बिना ही उनका नाम, नंबर फॉर्म में भर देते थे, जिससे वेरिफिकेशन के दौरान संबंधित व्यक्ति डिटेल देने से इनकार कर देते थे। अब आवेदकों का केवल आधार कार्ड से काम हो जाएगा।
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