मुख्य सचिव को बदलिए, वो निष्पक्ष नहीं माने जा सकते: कमलनाथ @चुनाव-आयोग

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मध्यप्रदेश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मुख्य सचिव बीपी सिंह को बदले जाने का आग्रह किया है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से आग्रह किया है कि वे चुनाव की निष्पक्षता को कायम रखने के लिए सबसे पहले मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को बदलने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित करें। साथ ही नये मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए नामों का पैनल सरकार से बुलवायें। कमलनाथ ने चुनाव आयोग से वे सारे जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है जो कानूनी रूप से जरूरी हैं। 

मुख्य सचिव सत्ता के प्रति आभारी 

कमलनाथ ने चुनाव आयोग को दिये पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश में सत्ताधारी पार्टी द्वारा सत्ता का खुला दुरूपयोग किया जा रहा है। भाजपा सरकार की मंशा निष्पक्ष चुनाव कराने की नहीं है। चुनाव आयोग को यह भी ज्ञात है कि 2018 में मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव संभावित हैं। नाथ ने लिखा है कि राज्य सरकार ने 21 मई, 2018 को मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव का कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ाया है। यह कार्यकाल पूरे चुनाव अवधि तक रहेगा। श्री नाथ ने पत्र में लिखा है कि जिन अधिकारियों को सेवावृद्धि दी जाती है वे सरकार के प्रति आभारी रहते हैं और कई बार अपने प्रशासनिक अधिकारों का सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में दुरूपयोग करते हैं। 

एफ.आर. 56-ए के के अनुसार बीपी सिंह की सेवावृद्धि अवैध है

उन्होंने लिखा है कि फंडामेंटल रूल एफ.आर. 56-ए के अनुरूप सरकारी कर्मचारी को 60 साल की उम्र पूरी करने वाले माह के आखिरी दिन सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव उस उम्र को पहले ही पूरा कर चुके हैं और उनकी सेवानिवृत्ति 30 जून 2018 को तय थी। केवल उन निम्नलिखित अधिकारियों को सेवावृद्धि दी जा सकती है जो एफ.आर. 56-डी के अंतर्गत उल्लेखित परिस्थितियों में आते हैं:-
वे सरकारी अधिकारी जो सरकार के बजट का काम कर रहे हों या ऐसी समिति के पूर्वकालिक सदस्य हों जो कुछ ही समय में अपना काम पूरा कर लेगी। 
कोई ऐसा विशेषज्ञ जो चिकित्सा और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य कर रहा हो।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक हो।
केंद्र सरकार का कैबीनेट सचिव हो।
रक्षा सचिव, विदेश सचिव, गृह सचिव, इंटेलीजेंस ब्यूरो के निदेशक, राॅ.के सचिव और सीबीआई का डायरेक्टर हो।
आंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग का सचिव हो।

मुख्य सचिव प्रशासनिक जमावट करेंगे

कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इनमें से किसी भी परिधि में नहीं आते हैं। उनकी सेवावृृद्धि जनहित में नहीं है, बल्कि उनके प्रशासनिक अधिकारों का दुरूपयोग आगामी विधानसभा चुनाव में किये जाने के इरादे से दी गई है। उन्होंने लिखा है कि हांलाकि मुख्य सचिव परोक्ष रूप से सीधे चुनाव कार्य से जुड़े नहीं होते हैं, लेकिन वे प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों में सीधा हस्तक्षेप कर सकते हैं। 

राजस्थान में बदल गए तो मप्र में क्यों नहीं 

राजस्थान का उदाहरण देते हुए कमलनाथ ने लिखा है कि वहां भी नये मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता को नियुक्त किया गया है, ताकि वे निवृत्तमान मुख्य सचिव निहालचंद गोयल का स्थान ले सकें। राजस्थान में भी 2018 में चुनाव होना है। इसलिए मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव को सेवावृद्धि दिये जाने के लिए चुनाव का बहाना नहीं बनाया जा सकता और न ही उनकी सेवावृद्धि को जनहित में कहा जा सकता है। इस आधार पर मुख्य सचिव को सेवावृद्धि नहीं दी जा सकती। 
कमलनाथ ने लिखा है कि मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ाने के बजाय बेहतर होता कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार चुनाव आयोग से पहले मशविरा कर लेते, क्योंकि चुनाव आयोग आगामी चुनाव की पूरी प्रक्रिया को कंट्रोल करेगा। मुख्य सचिव की सेवावृृद्धि से स्पष्ट है कि राज्य सरकार चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देशों पर ध्यान नहीं दे रही है। इस वजह से चुनाव कार्य में लगे लोग हतोत्साहित होंगे। मुख्य सचिव राज्य का प्रशासनिक मुखिया होता है और उसका सीधा कंट्रोल चुनाव में लगे अधिकारियों पर होता है। 

पक्षपात की संभावना मिटाना चुनाव आयोग की​ जिम्मेदारी है

कमलनाथ ने लिखा है कि हमें आशंका है कि राज्य सरकार द्वारा जिन मुख्य सचिव को सेवावृद्धि दी गई है, वे सत्ताधारी भाजपा के राजनैतिक हित में अपने पद के प्रभाव का इस्तेमाल करेंगे। इससे निष्पक्ष चुनाव पर सीधा असर पड़ेगा। इसलिए हम चुनाव आयोग से संसदीय और लोकतांत्रिक परंपराओं को दृष्टिगत रखते हुए आग्रह करते हैं कि इस पूरे मामले की जांच करें और सख्त कदम उठायें। उन्होंने लिखा है कि चुनाव की निष्पक्षता और शुद्धता एक लोकतंत्र का मूल आधार है और चुनाव आयोग उस पर निगरानी रखने वाली संस्था है, ताकि निष्पक्ष चुनाव हों। आयोग उन लोगों के प्रति निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है, जो लोग जानबूझकर सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रहे हैं।  इसी तरह की खबरें नियमित रूप से पढ़ने के लिए MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

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