भोपाल। मप्र में शायद ही ऐसा कोई जनप्रतिनिधि हो जो भोपाल में सरकारी बंगला नहीं चाहता परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया अकेले ऐसे सांसद थे जिन्होंने पिछले 16 साल में एक भी बार सरकारी आवास की मांग नहीं की, परंतु अब उन्होंने भी सरकारी आवास के लिए अपना दावा ठोक दिया है। माना जा रहा है कि यह कांग्रेस की चुनावी गुटबाजी का नतीजा है। कमलनाथ ने अपने बंगले में आॅफिस बना लिया है। दिग्विजय सिंह भी भोपाल में है। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल में आॅफिस ना हो, कैसे हो सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश सरकार से राजधानी भोपाल में आवास की मांग की है। उन्होंने एमपी सरकार से कहा कि उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर बार-बार जाना पड़ता है। उन्होंने सरकार को आवास के लिए पत्र लिखा है।सिंधिया एमपी में कांग्रेस के चुनाव प्रचार समिति के मुखिया हैं।
यह भी बताया जा रहा है कि यदि सिंधिया को सरकारी बंगला मिलता है तो वह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बाद तीसरा बड़ा पॉवर सेंटर होगा। सिंधिया के भोपाल में सरकारी आवास मांगे जाने की एक वजह और भी बताई जा रही है कि चुनाव अभियान समिति में 15 लोग हैं। रणनीतिक मीटिंग में यह सरकारी आवास सहयोगी साबित होगा।