अमेरिका ने किया हमले का ऐलान, रूस को किया सावधान! | WORLD NEWS

नई दिल्ली। दुनिया की 2 बड़ी महाशक्तियां अमेरिका और रूस अब ठीक आमने सामने हैं। सीरिया की जमीन पर युद्ध के हालात पैदा हो गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले का ऐलान कर दिया है जबकि रूस ने सीरिया की रक्षा का बीड़ा उठाया है। ट्रंप ने रूस को चेतावनी और चुनौती दी है। ट्रंप ने ट्विटर पर लिखे अपने संदेश में कहा कि रूस ने सीरिया पर दागी जाने वाली किसी भी या सभी मिसाइलें गिराने का संकल्प किया है। रूस तैयार रहो, क्योंकि वे आने जा रही हैं, शानदार, नई और ‘स्मार्ट’। आपको गैस से हत्या करने वाले किसी वहशी का साझेदार नहीं होना चाहिए जो अपने लोगों की हत्या करता है और उसका लुत्फ लेता है।

ट्रंप और अन्य पश्चिमी नेताओं ने सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले दुमा उपनगर में 40 से अधिक लोगों की जान लेने वाले गैस हमले की निंदा करते हुए इस पर फौरन एक्शन लेने की बात कही है। सीरियाई शहर दूमा में घातक गैस हमले के जिम्मेदार लोगों की शिनाख्त के लिए एक पैनल गठित करने के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने प्रस्ताव तैयार किया था, जिस पर रूस ने वीटो लगा दिया था। ट्रंप की यह चेतावनी इसी के बाद आई है।

इधर रूस ने कहा कि उसके सैन्य विशेषज्ञों ने रासायनिक हमलों का कोई सबूत नहीं पाया। रूस ने कहा कि सीरिया को बदनाम करने के लिए विद्रोहियों ने यह साजिश रची होगी या अफवाह फैलाई होगी। ट्रंप के ट्वीट से थोड़ा ही पहले रूस ने सीरिया के मुद्दे पर संयम बरतने का आज आग्रह किया और कहा कि देशों को इस तरह की कार्रवाई से परहेज करना चाहिए जो युद्ध से जर्जर देश को और अस्थिर कर सकती है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि हम उम्मीद करेंगे कि सभी पक्ष ऐसे कदमों से बचेंगे जो पहले से ही अस्थिर स्थिति को और खराब कर दें। उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण है. संदिग्ध रासायनिक हमले से पहले रूस एक पूवार्ग्रह रहित और ठोस जांच का आह्वान करता है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने जोर देकर कहा कि स्मार्ट रॉकेटों का निशाना आतंकवादी होने चाहिए, न कि सीरिया की वैध सरकार।

ट्रंप ने कहा है कि उनकी योजना है कि बशर अल असद का शासन और उसके रूसी तथा ईरानी सहयोगी सीरिया में रासायनिक हमले के बदले में भारी कीमत चुकाएं। इस बीच, रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) ने कहा कि वह जल्द ही जांच के लिए दुमा में एक जांच टीम तैनात करेगा, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे अपनी खुद की सूचना पर काम कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को मांग की थी कि कथित रासायनिक हमले के पीड़ितों तक तत्काल पहुंच उपलब्ध हो।

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