RSS से जुड़े सरकारी कर्मचारियों पर चुनाव आयोग की नजर | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में आरएसएस से जुड़े सरकारी कर्मचारी/अधिकारी अब चुनाव आयोग की नजर में आ गए हैं। सरकारी दस्तावेजों में अब तक आरएसएस को सामाजिक संगठन माना जाता था परंतु भाजपा नेताओं के साथ आरएसएस की बैठकों, समीक्षाओं और चुनाव पूर्व आरएसएस की राजनैतिक गतिविधियों ने यह स्पष्ट होता जा रहा है कि आरएसएस एक राजनैतिक संगठन नहीं है, लेकिन भाजपा के​ लिए काम करता है। विपक्षी दलों ने इस बारे में कई बार शिकायत कीं हैं। 

बता दें कि कांग्रेस कार्यकाल में भी आरएसएस के स्वयंसेवक की खुफिया रिपोर्ट तैयार की जाती थी। पिछले कुछ चुनावों में आरएसएस की राजनीतिक गतिविधियां खुलकर सामने आईं हैं। इसी साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। यह ऐसा प्रदेश है जहां आरएसएस की पकड़ काफी मजबूत है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों की आरएसएस से संबद्धता समाप्त की जानी चाहिए। ऐसे कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में भी नहीं लगाया जाना चाहिए। 

पिछले दिनों मध्यप्रदेश में हुए उपचुनावों में कई सरकारी कर्मचारियों ने विधिवत अवकाश लेकर चुनाव प्रचार में भाग लिया। इनमें से ज्यादातर आरएसएस से संबद्ध थे। शिवपुरी जिले में डीपीसी शिरोमणि दुबे तो आरएसएस से जुड़ी एक संस्था के पदाधिकारी हैं। कोलारस उपचुनाव से पहले उन्होंने भी अवकाश ले लिया था। शिकायत होने पर उन्हे भोपाल अटैच किया गया। बताया जा रहा है कि सीएम शिवराज सिंह ने शिरोमणि दुबे को वापस शिवपुरी भेजने के प्रबंध कर दिए हैं ताकि वो शिवपुरी में आरएसएस से जुड़े कर्मचारियों का नेतृत्व कर सकें और भाजपा को फायदा हो। 

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