माधवराव सिंधिया ने डकैती की थी या नहीं, जल्द तय हो जाएगा | MP NEWS

भोपाल। ग्वालियर के महाराज, कांग्रेस के दिग्गज नेता और राजमाता सिंधिया के पुत्र स्व. माधवराव सिंधिया सहित 35 लोगों के खिलाफ 35 साल पहले दर्ज हुए डकैती के मामले में अब फैसला आने की उम्मीद है। इस मामले को लगातार तीन दशक से तारीख पर तारीख मिल रही थी। मामला हिरण्य वन कोठी का है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि राजमाता सिंधिया ने उसे सरदार संभाजीराव आंग्रे को दे दी थी। माधवराव सिंधिया ने अपने साथियों के साथ कोठी पर कब्जा करने की कोशिश की। आंग्रे की बेटी चित्रलेखा ने एफआईआर दर्ज कराई थी। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे माधवराव सिंधिया और उनकी मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया के बीच हिरण्य वन कोठी को लेकर विवाद था। जिसे राजमाता ने अपने विश्वस्त सरदार संभाजी राव आंग्रे को दे दी थी। वहीं इस कोठी को लेकर संभाजी राव आंग्रे की बेटी चित्रलेखा आंग्रे ने कोर्ट में एक याचिका लगाते हुये माधवराव सिंधिया सहित 35 लोगों पर डकैती और आपराधिक षडयंत्र का मामला दर्ज कराया था। चित्रलेखा ने बताया था कि सिंधिया ने अपने साथियों सहित आधी रात को इस कोठी पर कब्जा करने की कोशिश की थी। 

मामला बेहद पुराना होने के चलते कोर्ट ने लगातार इस मामले की सुनवाई के आदेश दिए हैं। सोमवार को हुई मामले की सुनवाई में दस गवाह पेश हुए जबकि चार गवाह की तामील पर पुलिस ने नोट लिखा कि वे अब दुनिया में नहीं है, जिनमें राजमाता विजयाराजे सिंधिया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया, भाजपा के वरिष्ठ नेता माधव शंकर इंदापुर, पूर्व सांसद नारायण कृष्ण शेजवलकर अब इस दुनिया में नही है। इस मामले की सुनवाई में भाजपा और कांग्रेस के कई नेता गवाह तथा आरोपियों के रूप में कोर्ट में पेश होना है।

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